माणक चन्द बबीवाल (MCB)  
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Joined 23 March 2023


Joined 23 March 2023

-:मेरी अनपढ़ माँ:-
मेरी अनपढ़ माँ वास्तव में अनपढ़ नही है,
वह बातचीत में पापा का चेहरा पढ़ लेती है,
झगड़े की दिशा का अनुमान लगाकर
अपनी बात की दिशा को मोड़ लेती है ।
मेरी अनपढ़ माँ वास्तव में अनपढ़ नही है,
अपने बच्चों के उदासी का भाव पढ़ लेती है,
दिन भर की घटना का पता लगाकर
हँसाकर स्वयं में उदासी क्षमा लेती है ।
मेरी अनपढ़ माँ वास्तव में अनपढ़ नही है,
रोटी एक माँगता हू दो लाकर देती है ,
मेरी माँ कोई बड़ी हलवाई तो नही ,(MCB)
मगर खाने का स्वाद को बढ़ा देती है।
मेरी अनपढ़ माँ वास्तव में अनपढ़ तो नही है,
दुनिया के लोग झाल में डूबा देती है,
मेरी माँ मोटिवेशनल कहानियाँ सुनाकर ,
हमे एक संस्कार वान इन्सान बना देती है।
-माणक चन्द बबीवाल(MCB)



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-:पेपर चोर:-
चोरो की किस्मत अभ्यर्थियों से अच्छी है,
भविष्य की चिन्ता नही क्योंकि नोकरी पक्की है।
आगे भविष्य पीछे-पीछे अभ्यर्थी दौड़ रहे है,
कितना भी दौड़ लो अब चोरो का नम्बर पक्का है।
किया करे चोरो के जाल में फस गया पेपर,
दिन रात खिंचा कोर्स पूरा करने में पर काला हुआ पेपर।
सरकार ओर प्रशासन ढूढ़े दिन रात पेपर चोर,
अभ्यर्थियों की जिंदगी का मजाक बनकर उड़े कबूतर।
कबूतर बना पेपर पास के लिए अभ्यर्थी का ज्ञान,
चोरो ने खोज लिया पास होने का ज्ञान।
पेपर हो रहे लीक मजाक बना प्रशासन ,
रो रहे अभ्यर्थी झूठा पा कर आश्वासन।
माला - माल हो रहे है पेपर चोर ,
कह रहा माणक चन्द अभ्यर्थियों का भविष्य चकनाचूर।
-माणक चन्द बबीवाल (MCB)

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"तानो की भट्टी में
तपा हुआ इन्सान हूँ
राख नही सोना
बनकर रहूंगा"

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रिश्ता व्यक्ति से नही होता है,
रिश्ता अपने स्वार्थ के लिए होता है।

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मैं गरीब घर में पैदा हुआ मेरे बस में नही था,
लेकिन गरीब घर में कभी नही मरूँगा
यह मेरे बस में ही है।

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-: मेरा गाँव निम्बाज :-
चारो दिशाओ में गाँव के चार दरवाजा,
घुमने जरूर आना मेरे गाँव निम्बाज में,
बस स्टेण्ड पर मिलते किशोर के समोसे,
मुरली जी पोरवाड़ दम था गायकी में,
धन्य है गाँव रांका परिवार के दान से,
खेलते भगवान आदिनाथ स्टेडियम में,
घर का राशन भोम जी की दुकान से, (MCB)
स्वादिष्ट अचार की केरी निम्बाज बाग में,
चेतनगिरीजी की समाधी में मिटे रोग सारे,
आनन्द आता है हिरजी हलवाई के मावा में,
क्रांतिकारी माधुरामजी को जाने जग में सारे,
लगता है बैलो का मैला मैला के मैदान में,
ढ़गलूजी के मिर्ची बड़ा का स्वाद सबसे न्यारा,
जीवित समाधियाँ के दर्शन मिले निम्बाज में,
कुम्बाजी मन्दिर कबुतर स्तम्भ है सबसे न्यारा,
मिठे-मिठे पेमली बेर मिले निम्बाज की धरा में,
प्राचीन स्थल मकर मण्डी माताजी का मन्दिर,
विदेशी यात्री आते है मेरे गाँव निम्बाज में,
जाना जाता है पावन नगरी निम्बाज के नाम से,
राघवदासजी महाराज उपकारी थे प्राणी सेवा में,
-माणक चन्द बबीवाल(MCB)

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आप हमेशा चुपचाप सहते रहेगे
तो आप सबसे अच्छे हो यदि
आप मुँह पर जबाब दे देंगे
तो आप से बुरा कोई नही

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इस दुनिया में इज्ज़त इन्सान को नही,
दौलत को इज्ज़त दी जाती है

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जब गिराने वाले अपने ही ,
होते तब सँभलना मुश्किल हो जाता है।

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अच्छे दोस्त कम है तो भी चलेगा,
लेकिन गदार दोस्त बिल्कुल भी नही चलेगा।

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