दिल की दवा क्या करे...❣️
आपकी नज़रों की खता है ये,
इस दिल की दवा क्या करें..
हुस्न के जादू में मदहोश हो गए हैं,
लफ़्ज़ों में इसे बयां क्या करें..
आपके इन शरारती नादानियों की,
हम सजा क्या करें..
हाल-ए-दिल अब हम आपसे,
बयां क्या करें..
आपकी नज़रों की खता है ये,
इस दिल की दवा क्या करें..❣️-
एक अकेला इंसान कितना बोझ उठाये,
जिम्मेदारियों के बोझ तले तो सांस भी ले न पाये!-
मेरे आसुओं का असर कुछ इस कदर हो रहा है,
कि आज तो मेरे साथ मेरा खुदा भी रो रहा है...-
सारी कसमें- सारे वादे तो झूठे होते हैं,
"मुझे कभी छोड़ कर नही जाओगे"
का वादा लेने वाले तो,
खुद वादा तोड़ कर जाते हैं...💔🥀-
बस इतनी-सी आरज़ू है, इस ज़िन्दगी में
कि माँ के लिए हर मुस्कान खरीद सकूँ...❣️-
इतनी अदाकारी तो मैं भी दिखाती हूँ,
कि मुस्कराहट के नकाब में ग़मों को छुपाती हूँ!-
रोज करती हूँ कोशिश, थोड़ी ज़िन्दगी जीने की,
जुटा के हिम्मत, अपने उलझनों से लड़ने की,
मगर देती है रोज एक नयी कश्मकश ये ज़िन्दगी,
क्या इसे भी इन्तेजार है, मेरे मौत के महीने की!-
तन्हा शाम और गहराती रात
तन्हाई में तेरा अहसास
घुटन भरी- सी है जिंदगी
मुझे न आ रही रास
पल-पल चुभती तेरी याद
कैसे बयान करूँ
कहने को नहीं है अल्फ़ाज़
दर्द से रिश्ता हो गया है खास
बोझिल सी हो गयी है मेरी हर सांस
जाने कब तू लौट आयेगा मेरे पास
जाने कब तू लौट आयेगा मेरे पास...-
इतने दर्द दफ़न हैं इस दिल में,
कि अब तो जुबान से आह तक नहीं निकलती!
जमाना क्या जाने कितने दर्द में जी रहे हैं हम,
विलोचन से अब अश्रुओं की धार जो नहीं बहती!-