M_ashiq6292 (मुकेश परिहार)   (✍ मुकेश परिहार)
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Joined 15 December 2019


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Joined 15 December 2019

माना राहों में काटे हैं मगर मैं चाहता नही यू डगर मोड़ना,
मंजिल को पाने की चाहत में मैं चाहता नही यू सफर छोड़ना ..!!

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मैं जज्बातों को लफ्ज बनाने की मदहोशी में हूँ,
तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं खामोशी में हूँ!!

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कुछ घाव ऐसे दिए हुए होते हैं

जो किसी एक्स रे में भी नही आते हैं!!

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परीक्षा में आए मुश्किल सवाल जैसा हूं मैं,
छोड़ा हैं मुझे हर किसी ने बिना समझें ही ...!!

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The feeling of love,
Like wise,
No medicine can heal the pain of broken heart.

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खामोशी से मतलब नही, मतलब तो बातों का हैं!
दिन तो गुजर जाता हैं, मसला तो रातों का हैं!!

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चेहरे की हँसी दिखावट सी हो गयी है,
असल जिंदगी भी बनावट सी हो गयी है!

अनबन बढ़ती जा रही रिश्तों में भी,
अब अपनो से भी बगावत सी हो रही है!

पहले ऐसा नही था जैसा हु आजकल,
मेरी कहानी कोई कहावत सी हो रही है!

दूरी बढ़ती जा रही मंजिल से मेरी,
चलते चलते भी थकावट सी हो रही है!

शब्द कम पड़ रहे मेरी बातों में भी,
खामोशी की जैसे मिलावट सी हो रही है!

और मशवरे की आदत भी नही रही लोगों को,
अब गुजारिश भी शिकायत सी हो रही है!!

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खट्टे मिट्ठे एहसासों को 3 अरसे बीत गए,
सातों जन्मों का ये बंधन,
प्यार और सम्मान का अटूट संगम,
दुःख की कसौटी से ये रिश्ता जीत गया...!💐😘

❤Today special❤

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"प्रेम"......
हम प्रेम के शुरू होने से ज्यादा
उसके खत्म होने के बारे में सोचने लगे है,
ओर प्रेम जीवन भर साथ रहेंगा से ज्यादा
एक ओर प्रेम अधूरा रह जाएगा,सोचने लगे है,!

हमारा आरम्भ ओर साथ से ज्यादा
अंत के बारे में सोचना
ये दर्शाता है......
हमारे जीवन मे प्रेम की कितनी कमी है,
हमे जीवन मे प्रेम की कितनी जरूरत है ,!

इसी कमी और जरूरत से ऊपर उठ कर
प्रेम किया जाना चाहिए,!
वो निस्वार्थ प्रेम ही .....
हमे अंत तक की सोच से मुक्त कर पाएंगा,
वो निस्वार्थ प्रेम ही...
अंत तक हमारे साथ जाएगा..!!

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शब्द से खुशी, शब्द से गम,

शब्द ही पीड़ा, शब्द ही मरहम !!

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