❣,JAROORI SA TU❣
फ़िक्र आज भी है मुझे तेरी
बस एहसास जताना छोड़ दिया है
तेरा हर दफा मुझे देख यूं मुँह फेर लेना
गवारा तो नहीं होता दिल को मेरे, पर
अब हक़ की नुमाइश लगाना छोड़ दिया है
तुझसे रुशवत होने के ख़याल से भी रूह
काँप उठती है आज भी मेरी, पर अब वक़्त
के तराज़ू तले घुटनें झुकाना छोड़ दिया है
पर ना जाने क्यों अब भी तेरे सामने आते ही
बाते रुक सी जाती है, मेरी आँखें तेरे आगे
झुक सी जाती है पर फ़िक्र आज भी है मुझे तेरी,
बस एहसास जताना छोड़ दिया है,
तुझसे नज़रें मिलाना छोड़ दिया है।।-
❣MY SECOND FIRST LOVE❣
दुनियाँ की इस बेबाक भीड़ में एक राही ऐसा भी मिला
जो मेरा हमसफ़र बन चुका था
इस बात से अनजान में औरों की तरह उससे भी थोड़ा जुदा- जुदा सा था
फ़ासलो से नजदिकियो के सफर का आलम कुछ यूं रहा
वो मोहब्बत की एक जानी पहचानी सी, मेरे दिल पर दस्तक दे रहा था
लड़खड़ाते हुए कदमों से में आगे की तरफ बढ़ तो गया पर डर था,
कही फिर से मोहब्बत ना कर बैठें उससे पहले की तरह
कशमकश में कदम कुछ इस कदर आगे बढ़ चुके थे
जहाँ से मैं खाली दिल लिए वापस ना हट सका
वो अलग है सबसे ये मान मेरे मन के आगे एक ना चली
दिल फिर से एक दफा खिचा चला गया उसकी ओर पहले की तरह
अब मोहब्बत इस हद तक हो गयी है मुझे उससे
दूर जाने से घबराता है ये दिल दो पल भी दीदार ना हो उसका
तो ये दिल झटपटा उठता है पहले की तरह।।-
मोहब्बत में गर जीतना
ही सब कुछ होता तो
तेरे काफिले में ना जाने
कितनी लाशें बिछी होती,,
तू मेरे साथ ज़रूर
होती मगर तेरी
खुशियाँ कब का दम
तोड़ चुकी होती।।-
❣वो❣
मेरा दर्द पूरी रात कागज़ पर बिखरता रहा
मैं हर शाम चिरागों सा जल तेरे बारे में लिखता रहा
कमाल का इश्क़ किया था मैनें उससे
खुद को जलाता रहा,उसके जख्मों पर मरहम लगाता रहा
कोई पहरा सा लगा रखा था उसने ख्यालों पर मेरे
बड़ी मासूमियत से मैं उसके सवालों में उलझता रहा
मैं बारिश की तरहा उस पर प्यार बरसाता रहा
वो मुझे सब्र-ए-मोहब्बत का वासता दे कर तरसाता रहा।।-
❤A conversation b/w a shy boy & girl ❤
मेरी ख़ामोशी भी कुछ कहती है
बिन कहे समझ जाया करो,
ऐसा जरुरी भी तो नहीं होता
कि हर बात का लफ्ज़ो में जिक्र किया जाए,,
गर समझ सको ख़ामोशी को मेरी
तो हिचकिचाना नहीं एे सनम,
वादा करते हैं, उसी वक़्त हाथ थाम
ये सांसें, ये ज़िंदगी सिर्फ तेरे नाम
लिख दी जाएगी।।-
❣you❣
मुझे लिखना था तेरे बारे में
पर जब भी कुछ लिखने की कोशिश की
अल्फाज़ो ने मुँह फेरना शुरु कर दिया
साँसे कुछ इस कदर तक थमने लगी
जैसे मेरे दिल के जज्बातों को मंजूर ना था
मेरी तड़प, मेरे दर्द को किसी कोरे से कागज़ पर
उतर कर किसी महफ़िल की शान बन जाना।-