तुम सुनाओ, मैं सुनना चाहती हूँ,
उन कहानियो को, जो कबसे तुम्हारे दिल में दबी हुई है,
उन सारे दिनों को सुनना चाहती हूँ, जब तुम मेरे साथ नही थे,
तुम्हारे अच्छे दिनों को सुनना चाहती हूँ,
तुम्हारे बुरे दिनों को सुनना चाहती हूँ,
सुनना चाहती हूँ कि वो कौनसा दोस्त है तुम्हारा
जिसनें हर मुश्किल में तुम्हारा साथ दिया
और वो कौन है , जो तुम्हे बिल्कुल पसंद नही है ...
सुनना चाहती हूँ कि क्या तुम्हे भी अंधेरे से डर लगता है,
और क्या तुम भी एक सूखे गोलगप्पे के लिए लड़ते हो,
क्या तुम्हें भी खाने के बाद कुछ मीठा खाना पसंद है,
और क्या अकेले में तुम भी हिंदी गाने गुनगुनाते हो,
सुनना चाहती हूँ कि इस रिश्ते से तुम्हे क्या क्या उम्मीदें है
और सुनना चाहती हूँ कि क्या मैं तुम्हे पसंद हूँ...
सुनना चाहती हूँ कि क्या तुम्हे भरोसा है मुझपे
सुनना चाहती कि क्या तुम मुझे ये सब सुनाओगे
तुम सुनाओ, मैं सुनना चाहती हूँ ।।
तुम सुनाओ, मैं सुनना चाहती हूँ ।।
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