बस एक शिकायत हैं
आपसे
एक दफा पूछ लिया होता
यू हमारे खफा होने का राज
एक दफा तो थामा
होता मेरा हाथ
फिर ना छोड़ती आपका साथ।
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इसे खुद के लिए जीकर देखिए।
लौट आना है आपके पास
गले लगाना हैं आपको आज
सारी ख्वाशिये आपकी पूरी करनी हैं आज
लेकिन डर जाता हैं दिल
कि फिर से ना दुख दे आपको
आपकी ज़िंदगी को ना कर दे बर्बाद
आपके लब्जो को पढ़
रूह कांप उठती हैं
कितनी बेवाफो से आपने दिल लगाया
हमसे मुंह मोड़
आपने बेहद सताया।
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हां
माना गलती मेरी हैं
यू अचानक मिल जाना
और
टूटे दिल को और तोड़ जाना
हां, सारी खता मेरी हैं।
सच कहूं तो खुद को ही तोड़ा था
जुड़ ना पाऊंगी कभी तेरे बिन
ये सब जानते हुए भी साथ छोड़ा था।
और ये भी सच ना धोखा दिया कभी
हमेशा से आपकी हूं और आपकी ही रहुंगी
भले आप हर लब्ज़ मे बेवाफ़ लिख दो
मैं आख़री सांस तक आपके लिए दुआ करूंगी।
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आपको भूलना नामुमकिन हैं
आपको अपनाना नामुमकिन हैं
मैं कैसे जी रही हूं
ये समझाना नामुमकिन हैं
लेकिन आप खुश रहो मेरे बिना
ये मुमकिन है
कोशिश करके देखो
गैरो के लिए ना सही
खुद की खातिर ।
एक बार तो जीकर देखो
परिवार की खातिर।-
ये रूह मोहब्बत को तरसती है
ना जाने क्यों ये
तुम्हें ढूंढती हैं।
ना जाने क्यों इसे तेरा इंतजार हैं
तुम लौट आओगे इस बात पर ऐतबार हैं ।
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खफा हों आप जानती हूं,
नाराज हो मानती हूं।
मनाऊंगी तो आप मान जाओगे,
लेकिन कभी मेरा इश्क नही समझ पाओगे।-
ना आपका इंतजार है
ना किसी ओर की चाह
बस इस दिल से गुजारिश हैं
कि अब ना होना फना ।-
नाराज़गी मे भी तुम्हें बुरा ना कहा,
फिर तुम्हे बेवफ़ा कैसे कह देते।
गलत तुम ही थे ,
लेकिन तुम्हें बेवफ़ा कैसे कह देते।
इसलिए हम ही मुंह मोड़ आए,
तुम्हें तुम्हारे हालातों पर छोड़ आए।-
जिसे मैंने कभी बयान ना की,
डर था तुम मुझसे और मोहब्बत ना करने लगो।
डर था कि मेरी खुशियों के लिए खुद की खुशियां ना भूल जाओ।
डर हैं कि तुम फिर से प्यार मे अपनी जान ना वारो।-