यूं ही एक दिन सब ख्वाब अधूरे रह गए,
जानम बिना वजह बताए अलविदा कह गए,
एक वो रात थी एक आज का दिन है,
हम वहीं खामोश खड़े के खड़े रह गए।-
जो लोग आप... read more
बेकरारी भी है तुमसे मिलने की,
दिल में एक डर सा भी मौजूद है।
मैं अब काट रहा हूं तेरे बगैर
प्यार का बाकी अब हल्का सा वजूद है।
कहीं फिर से वो रातें न वापिस आएं,
जो जाग कर, रो कर गुज़ारी गई।
सब मैंने ही गंवाया इश्क में,
मूल भी नहीं उतरा, बाकी अभी भी सूद है।-
दिन भर की थकान दूर हो जाती है।
तुमसे बात कर मोहब्बत मशहूर हो जाती है।
तूं नहीं तो तेरे ख्याल मुझे खुश रखते हैं,
तुझे देख लूं तो चाहत फितूर हो जाती है।-
मोहब्बत का लिबास पहनकर शिकार किया जा रहा है,
वो मजबूर मक्कारी से, हम मजबूर वफादारी से।
दिल लगाने की बातें और जिस्मों का व्यापार किया जा रहा है।-
गवा कर खुद को किसी और को खुश किया,
मैंने अपनी जिंदगी काली कर किसी और को रंग दिया
मैं बन कर रह गया एक उदास हताश कविता सा,
जिसे लिखा गया कई साल लगाकर साहब,
फिर एक बार आधा पढ़ा और पन्ना पलट दिया।-
भाग दौड़ भरी जिन्दगी में भी एक सुकून छुपा कर रखा है,
मैंने पैसे और पैसे वालों को उनकी औकात में रखा है।
जितनी जरूरत है उससे ज्यादा ही दे रही है कुदरत,
मैंने इन्सानों को नहीं रब को अपना दर्द बता रखा है।-
ख्वाहिशों के भंवर में फस जाना नादानी होती है,
एक ही औरत से प्रेम करना फितरत खानदानी होती है,
यूं तो कमी नहीं शहर में तवायफ़ों की साहब,
जो बात इश्क में है उसमें अलग ही रवानी होती है।-
वो बुझा बुझा सा शख्स
अब और क्या राख होगा,
कोई पास नहीं दिख रहा
जरूर अकेलापन साथ होगा।-
अब क्या ही उम्मीद बाकी है,
चेहरे पर बस मायूसी बाकी है,
मेरे अंदर तो तूं पूरा रह गया,
तेरे दिल में सिर्फ़ तूं बाकी है।-