ਕੀ ਦੋਸ਼ ਦੇਵਾਂ ਇਹਨਾਂ ਰਾਹਾਂ ਨੂੰ, ਇਹ ਤਾਂ ਓਥੇ ਹੀ ਖੜੇ ਨੇ
ਸਭ ਜਾਣਦਿਆਂ ਇਹਨਾਂ ਕੰਡਿਆਂ ਤੇ ਮੇਰੇ ਪੈਰ ਆਪ ਚੜੇ ਨੇ.-
तुम्हें जो मिल गया, हमें उसके ख्वाब भी नहीं आते,
दिलबर! हम चैन से सो जाने को भी बेवफाई मानते हैं-
मैं जलता नहीं हूं, मैं पिघल जाता हूं।
मुझे जब चोट लगे, मैं सवर जाता हूं।
ये तकलीफ़ें मुझे त्यार करती हैं कल के लिए,
ये हादसे, ये अपने, मुझे तोड़ नहीं पाते,
मुझे गुस्सा नहीं आता, मैं छोड़ जाता हूं ।-
दिल आज भी तुम्हारी गिरफ्त में है,
मेरी सज़ा अभी पूरी नहीं हुई।
मैं इश्क मुकम्मल कर बैठा,
मोहब्बत मुझसे अधूरी नहीं हुई।
लोग कहते हैं प्यार कुर्बानी का नाम है,
मेरी तो हस्ती भी उनके लिए जरूरी नहीं हुई।-
क्या अनसुनी कर दूं दिल की आवाज़
या फिर आवाज़ दे दूं आखिरी बार,
आखिरी बार भी अब तो हो गए कई बार,
या फिर खड़ा रहूं यूं ही निहारता रहूं द्वार।-
ਇਹ ਜੋ ਚਾਰ ਕੁ ਬੂਟੇ ਲਾਏ ਨੇ ਇਨਸਾਨਾਂ ਨੇ,
ਬਦਲੇ ਵਿੱਚ ਕਰੋੜਾਂ ਆਲ੍ਹਣੇ ਢਾਏ ਨੇ।
ਇਹ ਜੋ ਕਾਗਜ਼ ਉੱਤੇ ਉਕੇਰਿਆ ਰੁੱਖ ਲਗਾਓ,
ਇਹ ਕਾਗਜ਼ ਲਈ ਹੀ ਰੁੱਖ ਮਿਟਾਏ ਨੇ।-
रात भर मुझे सोने नहीं देते ख्याल तेरे,
मेरे जवाब तरस गए सुनने को सवाल तेरे,
याद आई, नहीं आई, कोई और मिला नहीं मिला,
दिल फिर सुनना चाहता है वो बवाल तेरे।-
ਮਿੱਧੇ ਹੋਏ ਫੁੱਲਾਂ ਨੂੰ ਨਾ ਕਹਿ ਦੁਬਾਰਾ ਖਿਲਣ ਨੂੰ,
ਵਿੱਛੜ ਗਿਆਂ ਨੂੰ ਨਾ ਕਹਿ ਦੁਬਾਰਾ ਮਿਲਣ ਨੂੰ।-