ख़्वाब नही है ज़िंदगी
ये आज समझ आया
जब हंसते हुए मन पर
अकेलापन है छाया
कोई हो जो समझे
बिन बोले मन की बात
ऐसे ही किसी शख्स का
चाहिए बस सबको साथ
या हो कोई खिलौना
जिससे खेल सकूं दिन रात
जिसके भोले से मन से
हो जाए मन की बात।-
कभी कभी दूसरी के दर्द और अन... read more
प्रिय तन्हाई.....
है तुझमें समाई,
सबके मन की गहराई।
तू ही तू जाने है,
अंदर की अच्छाई,
या फिर हो बुराई ।
तुझसे बेहतर भला ...
है कौन समझ पाई...,
तन्हा दिल को तो लागे है,
भीड़ में भी तन्हाई।।
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बेजुबानों की भाषा जरा समझ तू इंसान,
कुछ न करने पर भी तू ,क्यूं करें इन्हे परेशान।
ना देकर कष्ट इन्हें, तू बना ले अपने करम।
भले ना दे तू रोटी,बस कर ले ज़रा सा रहम।
ना दे तू इन्हे सहारा ,ना दे घर में आराम।
पर दिए ईश्वर का सहारे में भी,
क्यों करें तू इनका जीना हराम।
जरी सी सुई चुभने पर,तू कितना चिल्ला जाता है,
फिर भी डंडे से मार,तू इनको रुला जाता है।
डर ज़रा वक्त की मार से,
और सुधार अपने करम ।
क्या पता बेजुबान जानवर ही,
तू बन जाए दूसरे जनम।
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हे प्रभु एक विनती मेरी,
आप उसे सुन लीजिए।
सही-गलत पहचाननें की,
वह शक्ति मुझे दीजिए।
मैं ठहरी अज्ञानी प्रभु,
सद्कर्म का ज्ञान दीजिए।
ना दुखाऊं किसी का ह्रदय,
ऐसी भावना मन में दीजिए।
गर फिर भी पहुंच जाए....
जाने अनजाने मुझसे ठेस,
तो क्षमा मुझे कीजिए
तो क्षमा मुझे कीजिए।🙏❤️
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दुनिया को समझने से पहले
ज़रा ख़ुद से हो रुबरु
न मिले कोई शख्स अगर
तो कर आसमां से गुफ्तुगू
न रख अपने दिल में तू
अपने दिल की आरज़ू
ढूंढ ले इस ज़माने में
तुझे जिसकी है जुस्तजू....-
झूठ की बुनियाद पर बने रिश्ते टिकते नही
गरीबों के मकान अमीरों की बस्ती में बिकते नही।-
रो पड़ी है ज़िंदगी,
देखकर संघर्ष मेरा।
न जाने कब ख़त्म होगा,
ये जीवन से कष्ट मेरा।
प्रत्येक उपलब्धि के लिए,
करें हैं मैंने बड़े जतन।
तभी तो हासिल हुआ कुछ,
नही तो हो जाती ख्वाहिशें मेरी पतन।
अब भी कुछ ख्वाहिशें हैं मेरी अधूरी
करती हूं उस पल का इंतजार
जब हो जाएंगी वो सभी पूरी।-
वक्त आने पर लग जाएगा पता
जिनके साथ वो रहे थे वक्त बीता
उनकी जिंदगी में है नही उसका कोई मोल
और जिनके लिए वो हमेशा थे अनमोल
उनको उन्होंने ना दिया कभी अपना वक्त
और ज़िंदगी भर कहते रहे कि वो है बड़े सख़्त-
जबसे हुआ है मुझे कोरोना
अच्छा नहीं लगता अपना प्रिय खाना
चला गया है स्वाद मेरी ज़ुबान का
आता भी नही स्वाद मुझे आम का
जाने कब ठीक होगी ये बीमारी
और विश्व से जाएगी कब ये महामारी
ऐ मेरे खुदा अब तू ही कुछ बता
ये बीमारी कब होगी लापता
भगवन मेरे कर तू ही कुछ चमत्कार
ये महामारी जो जाए फिर आए ना बार बार।
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यूं तो कुछ भी नही है पास मेरे
पर जो भी है तुम्हारे नाम कर देंगे
ये जीवन जिनसे चलती है सांस
उसके आखिरी पल भी
तुम्हारे नाम कर देंगें
बेइंतहा इतना प्यार हैं तुमसे
हम अपनी मोहब्बत तुम्हारे नाम कर देंगे
और याद करोगे इतना हमे तुम
हम इश्क में ऐसा काम कर देंगे।
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