चाँद से बात बंद है, अब रात से गुफ़्तगू है;
चांदनी से शिकवा नहीं, बस अँधेरों की दोस्ती है।-
राइटर नहीं हूं बस कभी कभी जहनी ख्यालात को ... read more
तेरे नाम से शुरू होती हैं मेरी हर सुबह,
जैसे सूरज तेरी आँखों से रोशनी लेता हो।-
छाँव ने धूप से कहा, चल साथ चलें कुछ देर,
साया भी रोशनी चाहे, ये राज़ है गहराई का फेर।-
when every step
forward echoes with the voices of
what you're walking away from.-
हर चोट ने मुझसे कहा, तू अब टूट जाएगा,
मैं हँसकर बोला, मैं तो दर्द में ही निखरता हूँ।
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ना लफ़्ज़ों का साज़ छेड़ा, ना कोई राग छुआ,
बस ख़ामोशियों में तेरी यादों का चेहरा बुना।
हर धड़कन में एक दास्तान छुपी है बे-आवाज़,
जो ना लिखी गई हो कभी, ना पढ़ी हो किसी किताब में राज़।
चाँद भी रुक गया, रात भी थम गई,
जब दिल ने तेरी ख़ुशबू से दुआ लिख दी।
मोहब्बत का मतलब भी शरमा गया,
जब तेरे लिए मेरी ख़ामोशी ने सदा लिख दी।
ये शायरी नहीं, एक एहसास है,
जो अल्फ़ाज़ों के बिना भी तेरे पास है।
ना पढ़ेगा इसे ज़माना, ना समझेगी भीड़,
ये तो बस ....
तेरे और मेरे बीच का गीत है — बेफ़हम और सीध !!-
In success, many are eager to share our joy.
In defeat, we often confront the fall by ourselves.-