जब तक समझ पाओगे मुझे तब तक सब खत्म हो जाएगा , तुम्हें याद बहुत आएंगे । जब तुम्हारा दिल तनहा सा होगा ना कोई उम्मीद होगी , तुम्हें याद बहुत आएंगे । जब तस्वीर तुम हमारी देखोगे और यादों में वही पुराना वक्त आएगा , तुम्हें याद बहुत आएंगे । जब तुम गुजरो गे उन्हीं गलियों से जहां मैं वक्त गुजारा करता था तुम्हारे इंतजार में , तुम्हें याद बहुत आएंगे । जब तुम गुस्सा हो जाओगे किसी बात पर तो कोई प्यार से मनाने वाला नहीं होगा, तुम्हें याद बहुत आएंगे ।
एक दोस्त बनायी घर से बहुत दूर , जो ले आती थी मेरे दिल में बहार , कहती थी कभी ना जाएंगे तुम को यू छोड़ कर दूर , चाहे सुख हो या दुःख तुम से ना जाएंगे दूर ...... बैठता हूं उस जगह ही उसी गली के बहार बाइक लगाकर, चांद भी वही है , तारे भी वही बाते बहुत है , लेकिन सामने वाले घर की बालकनी उसके बिन सुनी सुनी है।