मेरी कलम जो आज इतना कुछ लिखती है ,
कुछ नही टीचर की ही मेहनत दिखती है ।-
जब तक समझ पाओगे मुझे
तब तक सब खत्म हो जाएगा ,
तुम्हें याद बहुत आएंगे ।
जब तुम्हारा दिल तनहा सा होगा
ना कोई उम्मीद होगी ,
तुम्हें याद बहुत आएंगे ।
जब तस्वीर तुम हमारी देखोगे और यादों में वही पुराना वक्त आएगा ,
तुम्हें याद बहुत आएंगे ।
जब तुम गुजरो गे उन्हीं गलियों से जहां मैं वक्त गुजारा करता था तुम्हारे इंतजार में ,
तुम्हें याद बहुत आएंगे ।
जब तुम गुस्सा हो जाओगे किसी बात पर तो कोई प्यार से मनाने वाला नहीं होगा,
तुम्हें याद बहुत आएंगे ।
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Na wo sapna dekho jo toot jaye....
Na wo hath thamo jo choot jaye....
mat aane do kisiko itna karib ke Uske dur jane se insaan khud se ruth jaye.....-
एक दोस्त बनायी घर से बहुत दूर ,
जो ले आती थी मेरे दिल में बहार ,
कहती थी कभी ना जाएंगे तुम को यू छोड़ कर दूर ,
चाहे सुख हो या दुःख तुम से ना जाएंगे दूर ......
बैठता हूं उस जगह ही
उसी गली के बहार बाइक लगाकर,
चांद भी वही है , तारे भी वही
बाते बहुत है ,
लेकिन सामने वाले घर की बालकनी उसके बिन सुनी सुनी है।-
तुम उस कागज को तो जला दोगे जनाब,
लेकिन उनकी यादों के समुंदर को किधर बहावोगे जनाब...!-
Our team
"We are not poet, we are cluster of poetry "
✍🏻Nikita (Nikki)
✍🏻Shailendra (Sha ILU)
✍🏻 Abhay Pratap
✍🏻&📸Devendra Carpenter
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तुम्हारी याद में रोता बहुत हूं...😭
या तो दीदार करा दो या फिर टिशू पेपर भेजो...😔-