Lovely Kumari   (Love ly kumari ✒)
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secret (nobody knows)
Joined 17 January 2019


secret (nobody knows)
Joined 17 January 2019
15 JUN 2022 AT 19:49

बहुत शोर है मेरे अंदर, तुम सुनने आओगे क्या?
दिल नहीं लगता मेरा कहीं, तुम बहलाओगे क्या?
यूं तो हमेशा हंसी होती है होठों पर मेरे, तुम मेरे संग थोड़ा मुस्कुराओगे क्या?
गिरते नहीं पर लड़खड़ा जाते हैं पांव मेरे, तुम संभाल पाओगे क्या? महफिले बहुत मिलती है मुझे, तुम मेरे लिए अपना थोड़ा वक्त निकाल पाओगे क्या?
ज्यादा नहीं कुछ खवाहिश है मेरी, तुम उन में शामिल हो पाओगे क्या? डरती हूं दिल्लगी से मैं, तुम सच में मुझे अपना बना पाओगे क्या?

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15 APR 2022 AT 13:30

ज्यादा वक्त नहीं गुजरा अभी कि हम मिले नहीं,
पर जो गुजरा है वह किसी अरसे से कम नहीं॥ — % &

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28 DEC 2021 AT 16:54

यह सोचकर मूंद लेती हूं कई बार अपनी आंखें,
कि अब खुली तो शायद सब ठीक होगा l

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9 SEP 2021 AT 11:18

बहुत परेशान करती हूं ना तुम्हें,
बहुत सी शिकायतें भी है तुम्हें मुझसे,
तो रहने दो ना,
बस कुछ दिनों की तो बात है,
मेरे साथ साथ यह भी चली जाएंगी।

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8 JUL 2021 AT 10:11

अर्से बाद आज फिर कलम उठाई थी,
लिखना चाहा था खुद को,
पर तेरी तस्वीर उतर आई थी।

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24 APR 2021 AT 15:38

यूं तो तुम बहुत समझदार हो,
पर सिर्फ मेरी ही बातों में नासमझ बन जाते हो,
तुम सच में नासमझ हो या सिर्फ मुझे जताते हो?

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23 FEB 2021 AT 21:59

जिसे पहले कभी जाना ना था,
आज वो मेरे वजूद का हिस्सा बन गया।
वाकिफ थी तो मै सिर्फ खुद से,
अब वो मेरी कहानी का एक किस्सा बन गया।
मिलती थी कभी मैं अपने आप से,
अब उससे मिलने का जैसे सिलसिला चल गया।
जरा जरा उतरने लगी थी मैं उसमें,
और वो मेरी रूह में कतरा कतरा ढल गया।

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27 NOV 2020 AT 20:49

हौसला रखती हूं पूरी दुनिया से लड़ जाने का,
पर लड़ जाऊं खुद से इतनी हिम्मत नहीं मेरी।

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8 SEP 2020 AT 22:01

ऐसा तो नहीं था ना,
कि मैं नादां थी,
फिर भी लड़खड़ाया करती थी,
वो मेरा बचपना नहीं था,
यकीन था मुझे,
संभाल लोगे तुम।

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7 AUG 2020 AT 0:18

नाराज हूं तुझसे,
और खफा रहती हूं खुद से,
वक्त के साथ कम हो जाएगी ये नाराजगी,
पर खुद से खुद की बढ़ती बेरुखी का क्या करूं?
चाहती तो संवर जाती मैं भी तुम्हारी तरह,
पर पल पल तेरी याद में बर्बाद होती इस जिंदगी का क्या करू?
शिकायत नहीं करूंगी तुझसे यूं ही गुजार दूंगी उम्र सारी,
पर जो नहीं गुजरती उस घडी का क्या करूं?
खुद से खुद की बढ़ती बेरुखी का क्या करूं?

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