हर एक दर्द की शिद्दत छुपाई जायेगी!
ईद तो आख़िर ईद है मनाई जाएगी l-
मोहब्बत में हम वहाँ से बापस आए हैं ,
जहाँ पर लोग पंखे से लटक जाते हैं!!
🖤🥀-
पता नहीं कौन मोमबत्यियाँ पकड़ना सिखा गए हमें! बरना,
नारी के सम्मान में तो लंका दहन और महाभारत करने की संस्कृति थी हमारी!
😳😳-
तेरी ईदें मुबारक हों तुम्हीं को,
मेरा गुलशन उजाड़ा है किसी ने।-
मेरे दिल की दुकान पर आज छापा पड़ा,
और यादें तुम्हारी आज सरे आम पकड़ी गईं..!!-
बीच चौराहे पर बेज़्ज़त हुआ
क्या मेरा आत्मसम्मान नहीं था
पलट के देता उत्तर मैं भी
पर दोनों के लिए कानून समान नहीं था
वो मारती गई, मैं सहता गया
क्या गलती है मेरी दीदी ये मैं कहता गया
वो क्रोध की आग में झुलस रही थी
नारी शक्ति का सहारा लेकर मचल रही थी
अगर क़ानून दोनो के लिए एक जैसा होता
फिर बताता तुझे आत्मसम्मान खोना कैसा होता।
😔😔😔😔😔😔😔
-
गालिब ने क्या खूब कहा है!
ए 🌙 चाँद तू किस मज़हब का है,
ईद 🌙 भी तेरी और करबाचौथ भी तेरा 🌙-
तुमने निकलते देखे होंगे जनाज़े अरमानों के,
हमने खुले आम दफनाई हैं ख्वाहिशें अपनी।-
रूह तलक जा पहुंचा है
इश्क़ तुम्हारा
इस इश्क़ से रिहाई
अब मुमकिन नहीं।-
अंदाज़ा हो जाएगा उसे
मेरे लफ़्ज़ों की मार का
आख़िर उसने
एक शायर से बेवफ़ाई की है।
-