दिल करता है कुछ लिखूं तुम्हारे ऊपर,
पर में ये कहा कर पाऊंगा।
जिस जद में तू समा सके वो शब्द कहा से लाऊंगा।
वो वक्त और था जब तू नहीं थी मेरे पास।
अब बिछड़ी तो जान में जी नहीं पाऊंगा।-
में कहानी में नया मोड भी ला सकता हु।
में तुमसे मिलने तुम्हारे शहर भी आ सकता हु।।-
अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं........!!!
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अगला जन्म किसने देखा है राधा,में इस जन्म में निभाऊंगा,
में हर क्षण, हर पल,हर दिन बस तुझको ही चाहूंगा।
अगला जन्म पा ही जाऊ में भगवान तो नहीं,
पा भी गया जो अगला जन्म ,तो किसने जाना मिली तू या नहीं।
में इसी जन्म में तुझको सबकुछ देता जाऊंगा।
में हर क्षण,हर पल , हर दिन बस तुझको चाहूंगा।
पावन था जैसे प्यार कान्हा का वैसे में चाहूंगा।
खुशियों को सबको दामन में तेरे मोड़ लाऊंगा।
अगले जन्म का क्या भरोसा राधे, में इस जन्म में निभाऊंगा।
कहते कोई कुछ नहीं ले जाता, मगर में ले जाऊंगा।
तुझसे प्रीत की, तुझसे मिलन की आस साथ में।
तेरी ख़ुशी को मन से लगाऊं, तू रहे साथ में।
बस इसी तमन्ना के साथ आया तो आऊंगा।
में हर क्षण,हर पल, हर दिन बस तुझको चाहूंगा।
अगले जन्म का क्या भरोसा राधे, में इस जन्म में निभाऊंगा
राधे राधे-
में तो हद से गुजरने वाला था, भला में कब ठहरने वाला था।
मेरी नींद खुल गई वरना,में तेरी मांग भरने वाला था।
तेरी तस्वीर चुमनी पड़ी मुझको,मेरा नशा उतरने वाला था।
वो मेरे साथ जी नही सका, जो मेरे साथ मरने वाला था
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अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं........!!!
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सुनो ख़ामोशी मेरे चेहरे पर है जरूर,
मगर अब तलक मायूस नही हु में।
वो तेरा मेरा हाथ थाम कर चलना।
सारी नाराजगी मेरे सुरतेदीदार पर भूलना।
वो घण्टो बाहों में बैठकर लड़ना।
वो किस्से वो बातें बेमतलब की।
उन पर मेरा बेमन से हँसना।
ओर फिर तुम्हारा नाराज होकर जाना।
कुछ भी भुला नही हु में।
दिमाग जानता है कि तुम नही आओगे।
मगर दिल ने उम्मीद छोड़ी नही है।
वो पास बैठना, जल्फो में उंगलियां पिरोना।
वो चेहरे पर आती धूप को बालों से रोक लेना।
वो मेरे सोने के बाद मेरा चेहरा घण्टो तेरा तकना।
वो मेरी रसोई में मुझे खाना बनाते देखना।
वो छोटी छोटी बातों पर चिढ़ना।
ओर चिढ़कर फिर चले जाना
कुछ भी भूला नही हु में।
तेरी तलाश इन आँखों ने भी खत्म कर दी।
मगर खुश्बू तेरे अहसास की भूला नही हु में।
सुनो तुम लौट कर मत आना।
जहाँ हो वहां खुश रहो, मगर मुझे भूल जाना।
वो अहसास सारे, वो यादे सारी भूल जाना।
नही तो सतायेंगे तुम्हें, जब पति से झगडा होगा ।
जब सास ताने मारेगी, जब आंख में नमी होगी।
जब रोने का दिल हो होगा,मगर वक़्त की कमी होगी।
तब सताएगी तुम्हें ये यादे दीवाने की।
सुनो बस इसीलिए हो सके तो भूल जाना मुझे।
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सुनो में अबकी बार फिर से तेरे शहर में होकर आया हु।
उन गलियों , मोहल्लों, सड़को सबको करीब से फिर देख कर आया हु।
वो मंदिर चौक, वो सिटी मॉल, वो ICH की कॉफी,
सब वैसे ही है जैसा मैंने छोड़ा था।
मगर इस बार एक कमी थी इस सफर में।
मंदिर में में था मगर साथ तुम नही थी
अबकी बार मॉल में भी मन नही लगा।
शाम थी फिर कॉफी भी थी मगर सामने तुम नही।
लग रहा था जैसे सब कुछ फीका फीका सा हो।
कहाँ हो तुम मेने तो हर जगह तलाश लिया ।
में हफ़्तों रुका था इस बार,ओर हर दिन बस तुझे ढूंढा।
तुमसे मिलना नही था मुझे, बस देखना था एक बार।
कुछ कहना भी नही था मगर 1 सवाल था।
क्या तुमको भी याद है ये सब जो मुझे परेशान करता है।
क्या तुम भी रात को नींदों से जाग जाती हो मेरे सपने देखकर।
क्या सोने नही देता फिर से मेरा अहसास तुझको।
तमाम सवाल लेकर जहन में में लौट आया हु।
सुनो में फिर एक बार तेरे शहर आया हु।
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मर के मिट्टी में मिलूंगा खाद हो जाऊंगा में।
फिर खिलूँगा साख पर आबाद हो जाऊंगा में।।
बार बार आऊंगा तेरी नजर के सामने।
ओर फिर एक रोज तेरी याद हो जाऊँगा में।।
तेरे सीने में उतर आऊंगा चुपके से कभी।
फिर जुदा होकर तेरी फरियाद हो जाऊंगा में।।
अपनी झुल्फों को हवा के सामने मत खोलना
वर्ना खुश्बू की तरह आजाद हो जाऊंगा मैं..
शकील आजमी-
गहनों का भी शौक नही है उसको यार।
कान्हा! तुम उसकी मुस्कान संभाले रखना।-