आज की खुशी संभाल के रख ली है मैने इक डिबिया में...!!जब तुम मिलोगी तो मिल बैठ बांट लेंगे आपस में..!! -
आज की खुशी संभाल के रख ली है मैने इक डिबिया में...!!जब तुम मिलोगी तो मिल बैठ बांट लेंगे आपस में..!!
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अगर फिक्र करना गुनाह है साहब तोआज से हम बेफिक्रे ही सही🙂🙂🙂ButOne day you will miss my stupid face nd my care...🙂🙂 -
अगर फिक्र करना गुनाह है साहब तोआज से हम बेफिक्रे ही सही🙂🙂🙂ButOne day you will miss my stupid face nd my care...🙂🙂
जिंदगी में आपको बस स्टॉप तक छोड़ने वाले बहुत मिलेंगे...!!लेकिनपहुंच कर कॉल या मैसेज कर देना कहने वाले बहुत कम मिलेंगे..!!🙂🙂🙂 -
जिंदगी में आपको बस स्टॉप तक छोड़ने वाले बहुत मिलेंगे...!!लेकिनपहुंच कर कॉल या मैसेज कर देना कहने वाले बहुत कम मिलेंगे..!!🙂🙂🙂
मेरा कत्ल हो जाए तुझे बस उसी रूप में देखना है....!!आज ईद हैमेरे चांद को छत पर सूट में देखना है...!! -
मेरा कत्ल हो जाए तुझे बस उसी रूप में देखना है....!!आज ईद हैमेरे चांद को छत पर सूट में देखना है...!!
कितना हसीन है ये नजाराचांद के पास है आज उसका तारा...!!मेरी भी ख्वाहिश है तू साथ हो और रहे ऐसा रिश्ता हमारा...!!🥰🥰 -
कितना हसीन है ये नजाराचांद के पास है आज उसका तारा...!!मेरी भी ख्वाहिश है तू साथ हो और रहे ऐसा रिश्ता हमारा...!!🥰🥰
वक्त वक्त की बात हैसाहेबजो जगह कभी उनके दिलों में हुआ करती थीआज तस्वीरों में भी नहीं...🙂🙂 -
वक्त वक्त की बात हैसाहेबजो जगह कभी उनके दिलों में हुआ करती थीआज तस्वीरों में भी नहीं...🙂🙂
बात ये है की अब मुझे फर्क पड़ता हैलेकिनजब मुझे फर्क पड़ना बंद हो जाएगातब उसे फर्क पड़ेगाकी उसे पहले इतना फर्क पड़ता थाअब उसे फर्क क्यों नहीं पड़ता....🙂🙂 -
बात ये है की अब मुझे फर्क पड़ता हैलेकिनजब मुझे फर्क पड़ना बंद हो जाएगातब उसे फर्क पड़ेगाकी उसे पहले इतना फर्क पड़ता थाअब उसे फर्क क्यों नहीं पड़ता....🙂🙂
मनया के बहुते अमीर नहींपरजिहड़ा दिल तो अपना मन लवे उह दे गम खरीदन दी हैसियत रखदे हां....!! -
मनया के बहुते अमीर नहींपरजिहड़ा दिल तो अपना मन लवे उह दे गम खरीदन दी हैसियत रखदे हां....!!
आज रात मुकण चे नी आउंदीकल सुबह नूआऊंणा सजणांं ने...😍😍 -
आज रात मुकण चे नी आउंदीकल सुबह नूआऊंणा सजणांं ने...😍😍
तू पारा(Hg) संसंजक बल प्रधान प्रियऔर मैं ठहरा दुर्लब आसंजक बल लिए कांच प्रिय..😐😐जो चाह के भी इक नहीं हो सकते...😕 -
तू पारा(Hg) संसंजक बल प्रधान प्रियऔर मैं ठहरा दुर्लब आसंजक बल लिए कांच प्रिय..😐😐जो चाह के भी इक नहीं हो सकते...😕