23 MAY 2018 AT 7:42

कहाँ ले जाये दिल,जो हद है बेहद है
लगन में जान जाए, वही तो सरहद है

अधूरा आगे है, मुक़म्मल माज़ी है
लगा दे दाँव पर दिल, अगर दिल राज़ी है

हवाऐं देखकर चलना, ना मिट्टी पर कदम रखना
निशां रह जायेंगे नीचे, खुद अपनी आग में जलना

- *Radhe Radhe*