Lokesh Rathor   (Lucky.)
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Joined 10 December 2018


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Joined 10 December 2018
19 FEB AT 21:29

लाइफ में कभी गलती से भी इतने मैच्योर मत होना !
की कोई आपको बार-बार तकलीफ देता रहे !
और आप हमेशा उसकी सिचुऐशन को समझते रहो !

Self Respect Is Always First Priority.....

Lokesh

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19 AUG 2024 AT 23:01

इस रक्षाबंधन....
एक समय था जब श्री कृष्ण ने अपनी बहन द्रोपदी के सम्मान के खातिर महाभारत जैसे युद्ध का सारथी बन कर अधर्म का नाश किया था। परन्तु आज क्या आपकी बहन आपके अलावा कही और महफुज है। इसका कारण क्या है..?? क्योकि आजकल रेप करने वाले भी पुरुष ही है और रेप पीड़ीत के लिए न्याय की आवाज उठाने वाले भी पुरुष ही है। फिर कैसे कहे कि दुनिया के सारे पुरुष अच्छे है या दुनिया के सारे पुरुष बुरे है। पर क्या यह भी सच नही है कि एक औरत अपने भाई या परिवार के साथ ही खुद को महफुज समझती है। ऐसा क्यो..??? क्योकि यह भय कही ना कही हम पुरुषों ने ही पैदा किया है हम हमेशा यही सोचते है कि एक अंजान लड़की से अपना क्या ही रिश्ता होगा। तो इसलिए क्यो ना इस रक्षाबंधन कुछ ऐसा करे की हमारी बहन बेटिया घर से बहार निकलने पर खुद को हम पुरुषो से महफुज समझे। क्यो ना हम हर लड़की को यह विश्वास दिलाए की वह पुरुषो के बीच भी महफुज है। इसके लिए सबको संकल्पित होना होगा की कभी कोई ऐसी लड़की या औरत हमें कही पर भी दिखें जो कुछ बुरे पुरुषो की वजह से परेशान है या भय,क्रोध में है उस वक्त आगे बढ़कर उनकी मदद करे। और उन्हें विश्वास दिलाए की इस दुनिया में कुछ अच्छे पुरुष भी है जो आपको कभी परेशानी में नही देख सकते है।
तो अब आप बताइए आप क्या बनना चाहते है एक अच्छा पुरुष या एक बुरा पुरुष???


It's Lokesh..

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8 JUL 2023 AT 22:47

इस दो चेहरो वाली दुनियाँ में,
अब हम खुद को सच्चे लगते है,
कोई कुछ भी सोचे या कहे,
पर हम खुद को अच्छे लगते है,
अब जरुरत नही किसी की,
अब हम तन्हा ही अच्छे लगते है।

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5 FEB 2023 AT 18:26

जीवन मे कुछ वेदनाएँ ऐसी होती है जिनकी औषधि सम्पूर्ण विश्व मे नही होती है सिवाय बीतते हुए समय के,जब मन परेशान होता है तो उसे दार्शनिक बातें नही समझ आती है उसे समझ आती है तो सिर्फ बन्द कमरे की खामोशी जहां उससे बोलने वाला सिर्फ वही व्यक्ति हो जिसे वह अपने समीप चाहता हो या फिर वह व्यक्ति स्वयं हो!

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6 NOV 2022 AT 11:49

सभी को छोड़ के खुद पर भरोसा कर लिया मैनें,
वो " मैं " जो मुझमें मरने को था जिंदा कर लिया मैनें।

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26 AUG 2022 AT 19:09

कभी - कभी लगता है कि बचपन की वो बेपरवाही ही अच्छी थी, ना ही किसी बात का टेंशन था और ना ही किसी से कोई उम्मीद थी जब जो दिल में आता था किसी को भी बोल दिया करते थे और अपने मन में जो आता था वो करते थे, ये डर नहीं था की कोई क्या कहेगा या क्या सोचेगा। पर अब जब से समझदारी ने जिंदगी में दस्तक दी है अब लोगों से सोच समझकर बोलते है लेकिन फिर भी उन्हें बुरा लग ही जाता है। और अब चेहरे की मुस्कान मानों कही खो सी गई है और ये हँसी अब हर परिस्थिति के अनुसार हर पल बदलती रहती है ना तो खुलकर जी सकते है और ना ही खुल कर हँस सकते है। बस इसी कशमकश मे एक दिन जिंदगी को अलविदा कह जाना है और बस याद रह जाएगी कुछ अच्छी बुरी बाते।

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23 JUN 2022 AT 19:23

मैं तुमसे हार कर खुश हूँ
क्या तुम जीत कर खुश हो ये बताओ
मैने हार कर क्या खोया है
तुमने जीत कर भी क्या पाया है ये बताओ
तुमसे दुर होकर भी भुला नही सका
तुम हमें भुल गये हो क्या ये बताओ
तुम्हारे ब्लॉक करने से कोई फर्क नही पड़ा हमें
तुम दिल से ब्लॉक कर पाये हो क्या ये बताओ
तुम्हारे बाद किसी के नही हो सके हम
तुम किसी के हो गये हो क्या ये बताओ
और सब छोड़ो डियर "पगली"
भीड़ मे तो बहुत चहकती हो तुम
क्या अकेले में मुस्कुराती हो ये बताओ

Lokesh...

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1 APR 2022 AT 11:44

जिसे भूलना नही था उसे ही भूल रहा हूं मैं
जीने का शौक था मगर रफ्ता रफ्ता मर रहा हूँ मैं

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30 MAR 2022 AT 22:49

आजकल के जमाने के ये फ़साने है।
जो जितना झूठा उसके उतने दीवाने है।

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29 MAR 2022 AT 22:52

हमनें एक ही शख्स पर महोब्बत खत्म कर दी
अब महोब्बत किसे कहते है पता नही

लोकेश...
❤️❤️

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