अब पुरुषों के भी पंख भी काटे जा रहे हैं।🪶🪶
वो भी किसी न किसी से सताए जा रहे हैं।
आखिर कब तक झेलेगा ये पुरूष कभी ड्रम में
तो कभी सीमेंट में जिंदा चुनवाए जा रहे हैं।😌-
शब्दों कि दुनिया में with veer ji
पुरूषों के उड़ते पंख काटे जा रहे है, 🪶
अब वो भी सताए जा रहे है।💔
आखिर कब तक झेलेगा ये पुरूष,कभी ड्रम
तो कभी सीमेंट में चुनवाए जा रहें है।।😌-
अपने कल को रोशन करने के लिए,
आज के अंधेरों से तो लड़ना पड़ेगा
ना मेरे दोस्त।😌-
अपने कल को रोशन करने के लिए,
आज अंधेरों से तो लड़ना पड़ेगा ना
मेरे दोस्त।😌-
अगर ढूंढने पर भी मेरे दोष ना मिले,
तो मेरे रिश्तेदारों से संपर्क करें।😌-
मत सोच इतना जिंदगी के बारे में,
जिंदगी दी है तो कुछ अच्छा ही सोचा
होगा तेरे बारे में।।😌-
नहीं आती मुझे उड़ती पतंगों सी चालाकियां,
गले मिलकर गला काटूं वो मांझा नहीं हूं में।😌-
देर हुई जीत कर जाने में तो,
हमें सीने से लगाएगा कौन,
कुछ तो करना है मां-बाप के रहते
वरना,
हमारी जीत पर इतराएगा कौन....।
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♥️ दुनियाँ क्या लूटेगी हमारी खुशियों को,
हमने तो दुनियां को खुशियाँ लुटाई है।😌-
Ladki baaji chod carrier
par dhyan de bhai..
Ye udti hui teetliyaan
kabhi ek phool ki nahi hui.
Lokesh(veer)
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