बैठे थे कई लेकर दिलों मे जहर,
न बरके खुद से,
जब टूटा उनपर,नियति का कहर,
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30 JUN AT 19:09
चैन खुद का वही खोता है,
दूसरों का चैन देखकर,सिर्फ रोता है,
सिर्फ रोता है,
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30 JUN AT 9:07
सुबह तुम्हारी,दिन तुम्हारा है,
प्रभु है जिसके आगे,कौन बेसहारा है,
ओम नमः शिवाय🙏
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29 JUN AT 10:52
भूलने भुलाने की आदत,
ना हमने है डाली,
याद रहते हैं अच्छे भी,
बुरे थे जिनकी जुबां थी कभी काली,
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27 JUN AT 22:30
वजह बेवजह मुस्कुराना सीखो,
सोचो न ज्यादा कल का,
खुद के दिल को आज बहलाना सीखो,
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27 JUN AT 9:46
कुछ बदलने की चाहत, मेरा वो जज्बा,
फर्क नहीं पड़ता,
सजा मिले मुझे, या मिले मुझे रुतबा,
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26 JUN AT 21:50
गिले शिकवे किस किस के दूर करूं,
टूटा हूं कितना, अब और खुद को कितना मजबूर करूं,
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26 JUN AT 12:36
लोगों को मुझे भुलाने की है आदत,
मैं भी करता रहा शिद्दत से उनकी हिफाजत,
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