"ज़िन्दगी" की राहों में.. ऐसा अक्सर होता है
"फैसला" जो मुश्किल हो वो ही बेहतर होता है-
“ईश्वर से कुछ मत माँगिये बस निकटता बढ़ाइये,
सब कुछ बिना माँगे मिलने लगेगा”-
“मन ख़राब हो तो भी ख़राब शब्द ना बोलें,
बाद में मन सही हो सकता है,
लेकिन बोले गए शब्द नहीं”-
“आत्मसम्मान खोकर जो भी चीज मिले,
वो शोहरत तो दे सकती है, पर सुकून नहीं”-
“शब्दों में इतनी ताकत होती है,
कि ये किसी भी रिश्ते को बना या बिगाड़ सकते हैं”-
“शरीर सुंदर हो या ना हो, पर शब्दों का सुंदर होना जरूरी है क्योंकि, लोग "चेहरे" भूल जाते हैं, पर "शब्दों" को नहीं भूलते”
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मुझे पता नहीं पाप और पुण्य क्या है ?
बस इतना पता है जिस कार्य से किसी का दिल दुखे वो "पाप" है...
जिससे किसी के चेहरे पर हंसी आए वो "पुण्य" है...-
रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ,ऐ मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।🙏-
"जीवन" में हजारों "प्रलोभन" होते हुए भी खुद के "सिद्धांतों" पर "जीना" सबसे बेहतर है
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