ये कहकर संभाल लेता हूं हर बार खुद को,
इस दगेबाज दुनियां में हर कोई सच्ची वफ़ा नही करता...-
जब कोई लेखक कुछ लिखता है न, तो वो लिखे हुए शब्दों में कई सदियाँ जी चुका होता है..।।
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यूँ ही नही निकलते अल्फ़ाज ए लफ्ज़,
शब्दों को मोतियों की तरह एक एक करके पिरोना पड़ता है...✍️
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कमियाँ ढूढ़ने वालों के लिए जितने बुरे है हम,
खूबियाँ ढूंढने वालों के लिए उतने ही अच्छे..-
लक्ष्य इस कदर साधा हो तुम्हारे मन ने, भटकना भूल जाये वो रास्ता जहन में, तभी मिलती है मंजिल अंधरो में भी, जब हौसलों से लिखी हो मंजिल तुम्हारे अन्तर्मन में....
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धूप की सी मोहब्बत की थी तुमने,
गर्मियों में छुप के निकलते थे, सर्दियों में मुझे ढूंढते हो..-
टूटने को तो टूट जाती है पल में ख्वाहिशें,
मगर एक ख्वाहिश को बनने में सदियों से गुजरना पड़ता है...-
आसमाँ में एक गुमनाम उड़ान थी शायद,
जिन्हें तूफ़ां के थपेड़े भी न रोक पाए,
मुश्किलें तो आती है राह ए मंजिल पर,
पर ऐसा तो नही की मंजिल भूली ही जाए।।-
मेरे जीवन की तुम सरताज हो,
मेरा कल नही तुम आज हो,
जो बिन बोले सब कह सके,
ऐसी कोई आवाज हो,
मेरे जीवन की तुम सरताज हो...
लिख न सकूँ वो गीत हो,
मेरे जीवन का तुम संगीत हो,
मेरी अनछुई बातो को जो जान ले,
ऐसी कोई मनमीत हो,
हर पल, हर घड़ी मेरे तुम साथ हो,
मेरे जीवन की तुम सरताज हो...-
इश्क में टूट कर न जाने कितने ग़मघोष हुए, हमारा तो तुम्हारी नजरो ने ही होश उड़ा रखा है, इश्क़ में हमारा क्या हाल होता..
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