धनियाँ भी लाकर देंगे तुम्हें,
गुलाब तक का ही इश्क नहीं है हमारा..!— % &-
दफ़्तर से घर लौटते पुरुष को ख़ाली बस में सुकून मिलता है,
दफ़्तर से घर लौटती स्त्री को ख़ाली बस में डर लगता है, इस अंतर के लिए स्त्री समाज पुरुष को
कभी माफ़ नहीं कर पाएगा।— % &-
रिश्ते तोड़ने तो नहीं चाहिए, लेकिन जहाँ
कदर ना हो, वहाँ निभाए भी नहीं जा सकते..-
अगर आपको दिखाई नहीं देता, तो किसी पर हद से ज्यादा भरोसा करके देख लो,
वो आपकी ऐसी आँखे खोल कर जाएगा
आपको दूर दूर तक
साफ़ नज़र आएगा....-
समय, विश्वास और सम्मान ये तीनों ऐसे पक्षी है
जो उड़ जाए तो वापिस नही आते है।-
कभी-कभी हम
बिना कुछ गलत किए भी
बुरे बन जाते हैं,
क्योंकि जैसा लोग चाहते हैं
वैसा हम करते नहीं ।-
दोबारा गर्म की हुई चाय,
और समझौता किया हुआ रिश्ता
दोनों में पहले जैसी मिठास नहीं रहती।-
यूँही दूरियों में गुजर गयीं ज़िन्दगी, कभी वो जुदा...! कभी मैं जुदा...!
इन चाहतों के मोड़ पर कभी वो रुकी...! कभी मैं रुका...!
वही रास्तें, वही मंजिले, ना उसे खबर...! ना मुझे पता...!
अपनी अपनी अहम की आग में, कभी वो जली...! कभी मैं जला...!
ये कुदरत का अजीब सा खेल था . ना वो बेवफ़ा...! ना मैं बेवफ़ा...!
फिर ये कैसा इंसाफ हैं, ना मुझे वो मिली...! ना मैं उसे मिला...-
मैं MP बोर्ड का पिछड़ा बालक, तुम CBSE की QUEEN प्रिये।
तुम सुनती SONG शकीरा के, मैं भोजपुरी में लीन प्रिये...!!
😅🤣🤣😂-
तुम अंबानी कि संपत्ति जैसी, मैं एक गरीब का लाल प्रिये..
अगर कर लोगी शादी मुझसे
मैं हो जाऊंगा मालामाल प्रिये।।
😅🤣🤣😂
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