कब तलाशता है इश्क़ खूबियां महबूब में
कमियां भी जिसको प्यारी लगे
वही तो सच्ची मोहब्ब्त है ।।
-
मैं चाहती हूं चलना कोषों दूर तक
बिना रुके बिना थके,
हर एक अच्छी किताब की तलाश में!!
-
मैं छोड़ नहीं सकती किसी भी ऐसे व्यक्ति का साथ
जिसे मेरे बिना रहना ना आता हो,
साथ का मतलब शादी हो यह मेरे लिए ज़रूरी नहीं!!
-
विवेकहीन पुरुष चाहते हैं मापना
प्रेम को,
कितना प्रेम है ?
कब तक करती रहोगी?
ठीक विपरीत
जीती हैं स्त्रियां...
प्रेम को
पहले ही दिन से !!
-
तुमको देखा तो ये ख़्याल आया
क्या इतना सा ही है वजूद तुम्हारा
कभी दो दिलों की खातिर टूट जाना
कभी दो टूटे दिलों की दास्तां बयां करते
किताबों में पड़े पड़े सूख जाना
क्या तुमने भी चाहा...
मेरी तरह सिर्फ़ मोहब्ब्त का ही होकर रह जाना।।
-
तुम्हारे जीवन में
यदि कोई परिवर्तन
आए ही नहीं...
तुम्हें तितलियां, ये फूल-ये कांटे,
ये रात और चांद गर भाए ही नहीं...
तुममें औरों के लिए भी
प्रेम और करुणा गर जागे ही नहीं...
तो मैं नहीं समझती वो कोई प्रेम था।।
-
क्या अजीबोग़रीब लोग हैं
आपने याद किया तो उन्हें लगा कोई काम होगा।।
-
ख़ामियां क्या खूबियां भी बनी हैं दुश्मन हमारी
इल्ज़ामात भी हमें उसके मिले जो गुनाह हमने किया ही नहीं!!-
जो सामने था उसे ही सच समझ रही थी
मैं नासमझ,
इंसानी चेहरे के पीछे का भेद कहां समझ रही थी!!
-
मुझसे प्रेम करना,
शायद,
तुम्हारे जीवन के अकेलेपन की सबसे बड़ी वजह होगी!!
-