अंधेरे में चमका, बन कर सितारा,
दलितों के हृदय का, बन गया सहारा।
ज्ञान की मशाल से, किया जग उजियारा,
संविधान रचकर, मिटाया अँधियारा।
समता का संदेश, घर-घर पहुँचाया,
अधिकारों की रक्षा का, अलख जगाया।
युगों तक रहेगा, उनका यह नाम,
भारत की प्रगति का, अनमोल पैगाम।-
बिना लफ्ज़ के, रूह हो तुम
एक लफ्ज़ में, हो तुम जान
दो लफ्जों में सुखद अहसास,
तीन में मनमोहक चांदनी रात,
कई लफ्जों में, पिरो दूं गर तुम्हें
मिल जाए जन्मों जन्मों का साथ-
एक गुज़ारिश है तुमसे, मेरा भी ख्याल रखना
चुप हो जाऊ कभी मैं तो, बस एक सवाल रखना ~2
नही पता कल रहूं,ना रहूं मैं,
शायद अब टूट चुका हूं मैं
रख सारे ख्वाब आंखो में
अपनो से रूठ चुका हूं मैं
जान सको अश्रु की कीमत
मेरे लिए भी एक सिफ़ाल रखना
एक गुजारिश है तुमसे, मेरा भी ख्याल रखना
भागता हूं सपनो के पीछे
तीज त्यौहार भूल मैं
दीपो, पटाखों में हंसते रहे सब
रहा किताबों में मशगूल मैं
किसी होली मैं आऊंगा जरूर
मेरे लिए थोड़ा गुलाल रखना
एक गुजारिश है तुमसे, मेरा भी ख्याल रखना-
खुश नसीब हो मेरे दोस्त
जो धोखा मिला हैं तुमको
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शुक्र है
देने वालो में नहीं हो-
कि,
लबों को छूकर तेरी, ये फीकी चाय भी मीठी लगने लगी,
अब जाके पता चला, ये इश्क इतना सुकून क्यूं देता हैं...।।-