"Palestine has no international support because it has neither wealth nor power. Now in this era basic human rights has been corresponding with wealth and power."
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दी थी जगह जिसे अपने आशियाने में,
आज वो ही मुझसे मेरा पता पूछता है ।
जालिम कर ले सितम तू भी,
हम भी मौत को गले लगाने वाले है,
तेरे खौफ से क्या डरेंगे,
हम तो तोहिद पर जीने वाले है,
आना लेकर इस जहा की ताकत
राह-ए हक़ से हम कहा पीछे हटने वाले है।
जज्बातों में ईमान है, सीनो में क़ुरान है,
हम ज़ालिम के आगे नहीं झुकते।
लहुलहा किया मेरी गलियों को,
बचपन छिना मासूमों से,
दर-ब-दर किया ठिकानों से,
कर और सितम ए बातिल,
हम भी जब तक सांसे ना टूटे लड़ते हैं।
बातिल तुम आ अपनी ताकत से,
हम ईमान की ताकत लाते है,
खौफ होगा तुझे मरने का,
हम तो शौक-ए-शादत रखते है।
कर बुजदिलों की तरह
इबादतों में वार,
हम मुस्कुराते मुस्कुरते सजदो में कफन ओढ़ते है।
जज़्बा ए ईमान दिलों में रखते है,
तेरी झूठी दलीलों से हम पीछे नहीं हटते हैं l
हो इस जहा के हुकुमूरान तेरे साथ,
हम तो तोहिद पर जीने वाले
हक़ की राह पर चलते हैं।
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