जहाँ तू बैठी होगी अंधेरे कमरे मे अकेले सीर पर एक हाथ रख के जहाँ तू लेटी होगी, मै तेरी धड़कन को सुनके सुकून भरदू उस दिल मे उजाला जो हु बक बक करता सिर्फ किट्टू को समझने वाली बक बक का ताज़ मै!
जहाँ तू बैठी होगी हाथ देखने मे अकेले पलके बड़ी एक होठ शांती मे जहाँ दूसरे से मामूली हस्ती होगी, मै तेरी गुस्से की ख़ामोशी को सुनके सुकून भरदु उस दिल मे हाथ तो पकड़ लेगी तू, धक् धक् करता दोनों का दिल सिर्फ किट्टू के हाथ पकड़ने से नही उसके बाद उंगलियों को कसके जकड लू ख़ामोशी को मिटा दू सिर्फ किट्टू की धक् धक् समझने का राज़ मै!
सिर्फ किट्टू नही दोनों है यहाँ बैठे जब किट्टू को ज़रुरत तब लीओ मै, लीओ परेशान तो किट्टू की हसी साथ दे, किट्टू प्यार से साथ दे,उजाला करदु उंगलियां जकड लू तू जब घूरती हाथ को, किट्टू जैसी अचानक से लियो को तीखा पण देते देते प्यार देदे, किट्टू प्यार दे, किट्टू हस दे, की लीओ की बक बक चालू होजायेगी फिरसे फिर किट्टू की हर धड़कन मे उजाला हर हाथ के हिस्से मे साथ प्यारा!-
GUJJAR
निंदिया गवाह सुन मोरी छोरी,
निंदिया गवाह नैन खुद जो ना सुलाए व्याकुल मन मोरा!
कब से ना थी नैना मे निंदिया जैसे नही थी यहा रात कोई!
अब निंदिया गवाह नैन खुद जो पहले सोजाए सुकून मे तब भी मन मोरा!
कब से ना थी नैना मे निंदिया अब मुस्काऊ नैन छुपाऊ कही दुनिया को राज़ ना दिखाऊ निंदिया साथ नैन पास होके फिर भी याद तोरी जिया से आये रखके चैन साथ साथ दुनिया बेचैन सोच कर कैसे जैसे रात सुहानी!
निंदिया गवाह सुन मोरी मलहम प्यारी नैना के नीचे से हाथ रूहानी जहा निशानी निंदिया कि थी दिखती!
कब से ना थी नैना मे निंदिया अब तो दिन मे भी रात कि शांति पर याद तोरी उजाले मे भी जिया लागे ना कभी कभी!
जिया लागे ना तुम बिन नैना मेरे सुलाए ना, मूझे कभी कभी सुलाए ना व्याकुल मन नही है गलती मेरी, चैन के साथ जो व्याकुल होता मन कभी कभी, नैन छुपाऊ दुनिया को ना दिख जाए ये मुस्कान का रहस्य ये पहेली! जिया लागे ना तुम बिन नैना मेरे सुलाए ना मूझे कभी कभी पर पलके खुली भी है तो चैन हि चैन निंदिया गवाह उतनी प्यारी मोरी छोरी!-
नैना तेरे कजरारे है, नैनो पे हम दिल हारे है,
अनजाने हि तेरे नैनो ने, वादे किये कही सारे है
नैना के हम सहारे है, सासो से गम नैन टाले रे,
हमराही तेरे नैनो ने, राहें दिये वही नैना प्यारे है!
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ख़ूबसूरती को क्या पता मासूमियत का पता,
मासूमियत को क्या पता शांत प्यार हि मजा!
कभी उसकी एक आँख के ऊपर का हिस्सा ऊपर जाते देखो!
नही देखा? हमसे पूछो बेचैनी से बेताबी का युद्ध दिल मे कैसे प्यार के साथ मीठी चुभन भरता!
मिठास को क्या पता अदाओ का पता,
अदाओ को क्या पता शुद्ध खूबसूरती हि जीवन है अब मेरा!
कभी उसकी एक हसी के अंदर के शांत खूबसूरत प्यार को सुनो!
हमसे पूछो सुर से ताल का प्यार दिल मे कैसे मोहब्बत के बाद तीखी चुबन भरता!
हमसे पूछो, लगता था सुकून से बनी शांत मूरत हि हो सकती, अरे कोई हमसे पूछो जूनून के साथ सुकून कि हस्ती खेलती चलती दिल कि धड़कन को है जिया!-
परेशान पल, जब थोड़ी दूर तू उस रोज,
मेरी मोहतरमा, समझ नही आता जब दिल किट्टू किट्टू करता, समझ नही आता याद करू तो क्या तेरी उंगलियां जिसपे चलना चाहु या तेरे चंद शब्द जिसपे जीना चाहु, ए मेरी प्रियतमा!
उलझन दिल, जब थोड़ी दूर तू इस पल,
मेरी सुबह, समझ नही आता जब दिल किट्टू किट्टू नाम आते हि जीता, समझ नही आता जियु तो क्या तेरी मूझे लगायी हुए आदते या तेरी लिखी हुई कविताए, ओ मेरी रूहानी!
इंतज़ार दिल, जब थोड़ी दूर तू उस पल,
मेरी नूर, समझ नही आता जब दिल किट्टू किट्टू पे मरता, समझ हि नही आता याद करू तो क्या मेरे आराम कि छाव वो पलके या तेरे सफेद दिल कि पसंदी वाली काली स्याही से उतारू शायरी ये!
ए मेरी मासूमियत वाली रात सारी!
समझ नही आता कि दिल नही परेशान याद मे तेरे पर फ़िक्र बेहिसाब ज़िक्र अनगिनत करू तो करू किसका? मेरी किट्टू का या मेरी धड़कन का? यही है परेशानी, उलझन, इंतज़ार कि इतना प्यार कर तो दू यहाँ पर जगह इतनी नही तो लिखू तो क्या क्या?
फ़िक्र बेहिसाब, प्यार बेशुमार!-
तुम कहो तो रुके तुम जीयो तो चले,
बस ये दिल से जिस्म तक जाने वाली अदाए सँभालने हमको दे!
तूम कहो तो हसे तुम हसो तो जीए,
बस ये एहसास से एक दूसरे मे गति धड़कन कि सँभालने हमको दे!
तुम कहो तो खाए तुम कहो तो रोए,
बस ये दिन रात तुम्हारी याद मे तेरे साथ नही पर तेरे साये के साथ हर एक निवाले मे जीने दे!-
अपने होने पे मुझको विश्वास होगया उसने जो हस दिया, हसी तो हमेशा से थी पर अब कानो से दिल तक सुर बहते ये उसने जो कान को नाजुक हाथो कि चादर से छू दिया प्यार से!
अपने होने पे मुझको यकिन होगया उसने जो मूझे महसूस किया, प्यार तो हमेशा से था पर अब बंद आँखो से उसकी पलकों कि नर्मी मेरी पलकों से दिल तक पलकों कि मिठास ये उसने जो आँख बंद कर मिला दिया स्वर्ग से!
अपने होने पे मुझको यकिन होगया भूल सा गया था,
सास तो हमेशा से थी पर अब दिल से दिल तक सास बहती ये उसने जो सास को सासो कि अदा से जि लिया दिल से!
हमारे होने पे हमको प्यार होगया उस मासूम हसीना ने जो इस धरती पर जनम लिया, मासूमियत तो हमेशा से थी पर अब एक दूसरे के एहसासो से बहती ये सफेदी कि नदी नशा सा अब हवा मे, नशा तो सब करते है पर सफेद रंग नही सफेदी जैसा शुद्ध ये नशा जो बहता अब हम दोनों मे, एक दूसरे के हाथो मे हाथ, आँखो मे आँसू और बाहो मे बाहे हो दिल से!
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प्यार इश्क़ मोहब्बत, भूल सा गया हु शब्द सारे, अब बस एहसास है साथ मे जो दिल कि हर धड़कन मे बाटू, काटू मै हर प्यारे शब्द को इस दुनिया से जो दुनिया कहती दिल के सहारे, बस एक शब्द के बड़े बड़े अर्थ सारे, किट्टू हर जगह किट्टू हि दुनिया किट्टू हि हर धड़कन हर प्यार हर इश्क़ हर मोहब्बत, नाम है काफी पर दिल एक जो उस दिल मे समाए हर सास है उसकी मीठी खुश प्यारे!
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मीठी तो है वो, पर उसके तीखे पण पर ज्यादा प्यार आता है, जब तीखे पण का प्यार होजाये तो मेरी मीठी छुरी मे और खुमार आता हि रेहता है!
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फूल कहु उन्हे या सहारा, पलके कहते है उन्हें लेकिन दूर से छूकर महसूस हुआ ये प्यार प्यारा!
समंदर कहु उन्हें या अगला रास्ता, आँखे कहते है उन्हें लेकिन करीब से देखकर उनमे महसूस हुआ प्यार सारा!
मीठी चुभन कहु उन्हें या मेरा उत्साह, होंठ कहते है उन्हें लेकिन दूर से महसूस हुआ ये नशा प्यारा!
चादर कहु उन्हें या मेरा जग सारा, हाथ कहते उन्हें लेकिन छूकर महसूस हुआ और भी प्यार प्यारा!
दिल तो है हि शामिल पर करीब से दिल को छूके धड़कन हि नही, दिल एक होगए बनके जग हमारा!-