रात को आने दो, रात आने को है आज तो कल फिर कोई, ख़ुशनुमा आस्मां मेरा होगा। काली निशा मे, न तेरे साथ को है आज तो, कल फिर कोई, इक हाथ थामां मेरा होगा। ख़्वाब, महफ़िल, फंसाने, जमाने थे संगदिल, मिलावट का सफर, न प्रीत कारवां मेरा होगा। जुगनूओ की रोशनी, है बनी घरो की रौशनी, कल फिर कोई सूरज, बना दिया मेरा होगा।