एहसासों की डोर, खामोशी की दीवार
हमारे दरमिया, ताउम्र रहे-
Learner
(U.A)
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One liner
Joined 1 March 2018
17 FEB 2022 AT 12:29
तुझसे दूर हु लेकिन
तेरी सासो का हिसाब, अब भी ये हवाएं दे जाती है..— % &-
17 FEB 2022 AT 12:22
तेरी खयाल से आज फिर नीद खुल गई
जो जा चुका है सदियों पहले
कही आज भी मेरा इतनाजार तो नही कर रहा— % &-
4 MAR 2021 AT 7:45
मेरी सोच और सच्चाई में
एक अनुमान का फासला है
जो दूर तो होती है
पर खत्म कभी नही होती-
26 FEB 2021 AT 9:49
हम मुस्कुराते भी है होटो को दबा के
कहीं उन्हें ऐसा ना लगे कि हमें परवाह नहीं-
25 FEB 2021 AT 22:38
खेल का वो खिलाड़ी हु मै
जिसने खुद को खिलौना बना लिया है
अपने आसुओं को हासी
और दर्द को मज़ाक बना लिया है-
24 FEB 2021 AT 13:38
हम भूल गए ये बात, कि वो बात क्या थी
पर वो बात यू थी, कि आज भी हमने बात ना कि-