Laxmi Jaiswal   (Scarypumpkinbylaxmi)
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Joined 16 September 2024


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Joined 16 September 2024
17 AUG AT 23:15

तेरी आँखों में जो रोशनी है
वो किसी दर्पण की नहीं,
वो मेरे लिए रखी गई आग है।

तेरे होंठों पर जो मुस्कान है
वो किसी भीड़ के लिए नहीं,
वो मेरे नाम की धड़कन है।

हमारी उँगलियाँ जब जुड़ती हैं
तो दुनिया छोटी हो जाती है,
और सिर्फ़ हम दोनों बचे रहते हैं—
बिना किसी माफ़ी, बिना किसी डर।

प्यार का लिंग नहीं होता,
पर मेरा प्यार तेरा चेहरा पहनकर
हर सुबह नया जन्म लेता है।

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17 AUG AT 23:11

✨ सफ़र ✨

रास्ते अनजाने, सपने हज़ार,
कलम बने मेरी उम्मीद का सार।
तन्हा हूँ मैं, पर रुकूँगी नहीं,
मेरे शब्दों से पहचान खोएगी नहीं।

अगर पढ़ पाओ दिल से कभी,
तो ये सफ़र तुम्हारा भी हो जाएगा तभी। 🌸

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17 AUG AT 23:09

🌸 मेरी पहचान 🌸

शब्दों से मैं रास्ते बुनती हूँ,
ख़ामोशी से सपने चुनती हूँ।
भीड़ मुझे देखे, पर मैं रुकूँ नहीं,
अपनी पहचान गढ़ूँ, किसी का झुकूँ नहीं।

अगर चाहो तो चलो साथ मेरे,
हर मोड़ पे मिलेगा विश्वास मेरे।
Follow नहीं, अपनापन पाओगे,
मेरे शब्दों में खुद को पहचान जाओगे। ✨

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1 AUG AT 0:50

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6 JUL AT 1:34

"अनकही सी बातें"
कॉलेज का पहला दिन था।
नीली साड़ी में वो हिंदी की मैम क्लास में आईं,
उनकी आंखों में शांति थी और शब्दों में जादू।
आरव, एक सीधा-सादा छात्र,
जो किताबों से प्यार करता था,
पर उस दिन से उसकी नज़रों में
किताबों से ज़्यादा उसकी टीचर बस गईं।
हर दिन वो पहली बेंच पर बैठता,
हर शब्द जैसे उसके दिल पर उतरता।
उसे समझ नहीं आता —
वो ज्ञान से प्रभावित है, या उस मुस्कान से?
एक दिन प्रोजेक्ट के बहाने वो स्टाफ रूम तक पहुंचा,
कहना तो बहुत कुछ था… पर बस इतना बोला,
"मैम, आप जब पढ़ाती हैं,
तो मुझे शब्द नहीं, भाव सुनाई देते हैं…"
मैम मुस्काईं, पर आंखों में एक रेखा सी खिंच गई।
उन्होंने कहा, "आरव, शिक्षक और छात्र का रिश्ता
सबसे पवित्र होता है —
इसे भावना की ऊंचाई पर रहने दो, दूरी में नहीं।"
आरव समझ गया —
प्रेम सिर्फ पाने का नाम नहीं,
सम्मान देने का भी है।
वो मैम की हर क्लास में और ध्यान से बैठने लगा,
अब उसके लिए वो एक प्रेरणा थीं —
जिनसे उसने सीखा क्या होता है मर्यादित प्रेम।

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6 JUL AT 1:29

"दर्द बिकता है..."

दर्द यहाँ सबसे महँगी चीज़ है,
मुस्कानों की अब कोई कीमत नहीं।
हर आह को बना दो सौदा,
तो पढ़ने वाले कहेंगे—"क्या कहानी है, वाह!"

वो जो टूटी थी रात की चुप्पियों में,
अब बेच दो उसे टाइटल में "True Based Story" कहके।
लोग आँसू नहीं पोंछेंगे तुम्हारे,
पर कमेंट में पूछेंगे—"Next part कब आएगा?"

तुम्हारे टूटे सपनों पर क्लिक आएंगे,
तुम्हारी तन्हाई पर रील बनाई जाएगी।
जो जीया, वो गुमनाम है,
जो बिक गया, वो "फेमस नाम" है।

अब जब कलम उठे, तो ये मत सोचो क्या सच है,
बस ये सोचो—कितने पैसे देगा ये प्लॉट बचा है।
क्योंकि कहानी तभी जिंदा रहती है,
जब कोई उसे पढ़ने के लिए पैसे देता है।

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6 JUL AT 1:27

Paid Content

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1 JUL AT 19:17

तीन लोग एक कमरे में थे,
एक ने दूसरे को मार दिया,
फिर भी कमरे में तीन परछाइयाँ थीं...

कोई आया नहीं,
कोई गया नहीं,
लेकिन तीसरी परछाई…
धीरे-धीरे हँस रही थी।

बताओ… तीसरी परछाई किसकी थी?

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1 JUL AT 19:13

मैं बिना पैरों के चलती हूँ,
बिना आँखों के देखती हूँ,
बिना जुबान के चीखती हूँ,
और रात के सन्नाटे में हँसती हूँ।

कोई मेरा दरवाज़ा खटखटाए,
तो दरवाज़ा अपने आप खुलता है,
लेकिन जो अंदर जाता है...
वो फिर बाहर नहीं आता है।

बताओ तो सही... मैं क्या हूँ?

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22 JUN AT 16:05

“सांसें दो”

मैं मरा नहीं हूँ,
पर मेरी सांसें कोई और ले रहा है…
हर रात जब मैं सोता हूँ,
मेरे पास एक और साँस चलती है।
मेरे कमरे में कौन है… जो मेरी नींद में भी ज़िंदा है?

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