तुम्हें हिचकी आती नहीं
मेरी सिसकी जाती नहीं
हर पल तेरी याद में रोना
नींदे उड़ी, ख्वाब में सोना
हो गया हूँ मैं तो पागल
जां भी मेरी जाती नहीं
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कातिलाना अन्दाज़ नहीं मेरा, अदाएँ फि... read more
सीमा(नानी), देबू(नातिन), पीयू(कुतिया)
देबू अभी एक साल दस महिने का है
नानी और देबू सुबह प्रात: पांच बजे घुमने जाते है।
तभी एक दिन प्रात: दरवाजा खोलते ही बाहर एक कुतीया सोयी हुई थी वो उठ गयी नानी ने उसे प्यार से पीयू पुकारा।
नानी ने देबू के हाथो से उसे चार बिस्किट और रोटी खिलायी।
इस तरह पीयू रोज आने लगी देबू उसे रोज बिस्किट, रोटी खिलाता और बहुत खुश होता।
देबू को पीयू बहुत अच्छी लगने लगी और पीयू को देबु भी।
इस तरह से पीयू और देबू की पक्की दोस्ती हो गयी।
एक दिन रात्रि के दो बजे बाहर हलचल सी थी तभी पीयू की जोर जोर जोर से भौकने की आवाज आई तो नानी और देबू जल्दी से बाहर गये तो उन्होने देखा की पीयू के एक पैर से बहुत खुन बह रहा है और उसने एक चोर को अपने दांतो से पकड़ा हुआ है तभी नानी ने जल्दी से पुलिस को फोन किया जल्दी से पूलिस आयी और चोर को गिरफ्तार करके ले गयी।
शिक्षा- सच्ची प्रेम भावना व सच्चे मन से की गयी सेवा बहुत ही फलदायी होती है। अत: सभी जीवों से प्रेम करे।
लक्ष्मी जैन,सवाई माधोपुर,राजस्थान-
"दोहा"
आप आप में खो रहे, दूजा भाड़ समाय।
स्वारथ में सब सो रहे, धर्म न कोय निभाय।।-
लज्जा क्यूँ आती नहीं, क्यूँ ना खुदा से डर
हवस की इस अभिलाषा पर क्यूँ है तुझे गुरुर
कमायेगा इन कृत्यो से सिर्फ ढेरों बददुआये
चुकाना तुझे भी होगा सारा हिसाब उस इश्वर-
मेरी खमोशियो को क्यूं मेरी खुशी मान लेते हो।
मेरी सहनशक्ति को क्यूं मेरी हार मान लेते हो।
नजरे तो मिला सकते नही मुझसे रत्ती भर तुम।
क्यूं फिर अपने आप को परमेश्वर मान लेते हो।
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रिश्तों में अगर किये जाये समझौते
तो वो रिश्तेदार नही, सौदागर कहलाते है।-
बहुत होंगे जलने वाले तुमसे, उन्हे और जलाओ तुम।
उपवन में बगिया फूलो की, चन्दन सी महकाओ तुम।
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