सीमा(नानी), देबू(नातिन), पीयू(कुतिया)
देबू अभी एक साल दस महिने का है
नानी और देबू सुबह प्रात: पांच बजे घुमने जाते है।
तभी एक दिन प्रात: दरवाजा खोलते ही बाहर एक कुतीया सोयी हुई थी वो उठ गयी नानी ने उसे प्यार से पीयू पुकारा।
नानी ने देबू के हाथो से उसे चार बिस्किट और रोटी खिलायी।
इस तरह पीयू रोज आने लगी देबू उसे रोज बिस्किट, रोटी खिलाता और बहुत खुश होता।
देबू को पीयू बहुत अच्छी लगने लगी और पीयू को देबु भी।
इस तरह से पीयू और देबू की पक्की दोस्ती हो गयी।
एक दिन रात्रि के दो बजे बाहर हलचल सी थी तभी पीयू की जोर जोर जोर से भौकने की आवाज आई तो नानी और देबू जल्दी से बाहर गये तो उन्होने देखा की पीयू के एक पैर से बहुत खुन बह रहा है और उसने एक चोर को अपने दांतो से पकड़ा हुआ है तभी नानी ने जल्दी से पुलिस को फोन किया जल्दी से पूलिस आयी और चोर को गिरफ्तार करके ले गयी।
शिक्षा- सच्ची प्रेम भावना व सच्चे मन से की गयी सेवा बहुत ही फलदायी होती है। अत: सभी जीवों से प्रेम करे।
लक्ष्मी जैन,सवाई माधोपुर,राजस्थान
-