आजकल लोग पहले तुम्हें अपनी आदत लगाएंगे
इतनी आदत लगाएंगे कि तुम उनके बिना जी न सको
और जब पूरी तरह से तुम्हें उनकी आदत पड़ जाएगी
फिर वो तुम्हें अपने बिना जीना सिखाएंगे
और जब तुम उनके बिना जीना सीख जाओगे
फिर वापस वो तुम्हारी जिंदगी में आना चाहेंगे
आजकल इस नए खेल को मोहब्बत का नाम दिया जा रहा है...-
Apne jeene ki raah ko asaan kr rhi hu
Lafzo... read more
बड़े शौक से मेरी बेबसी का नजारा देखेंगे।
पलटकर इक रोज वो हमें दुबारा देखेंगे।
जिनके एक सहारे की तलब ने हमें मारा है।
वही हमारी मय्यत पर चार कांधों का सहारा देखेंगे।
हमें मोहब्बत के नाम पर लूटने वाले एक दिन।
अपने इस दिल के सौदे का खसारा देखेंगे।
हम मर भी जाएं तो वो सोग ना मनाएंगे।
हमारी रुखसती का तमाशा वो सारा देखेंगे।
हम अस्हाब नहीं उन नजरों के कैदी हैं।
वो सो भी जायेंगे तो ख्वाब हमारा देखेंगे।-
बहुत बेआबरू होकर तेरी सोहबत से निकले हैं
मुद्दतों बाद ये आंसू आज शिद्दत से निकले हैं
मुझे तुम जाम कहकर के जहर बेशक पिला दो यार
हम तीरे बेवफाई खाकर मोहब्बत से निकले हैं
तमाम उम्र संभाला करोगे तुम मेरी नज्में मेरी गज़लें
ये फूल मेरे यार मेरी मय्यत से निकले हैं...-
तुम मेरे नहीं हो आज न कल, तुझे पाने की जिद क्यूं मैं करूं
तुझे मेरा ख्याल तक भी नहीं, तेरी यादों में पल पल मैं मरूं
तेरी मंजिल मुझको पाना नहीं, तेरे दिल में मेरा ठिकाना नहीं
तेरी राहों से निकलकर मैं, तेरे नाम को भुलाऊंगी
मैं अब न तुमको चाहूंगी, मैं अब न तुमको चाहूंगी
इस चाहत को दफनाऊंगी, मैं अब न तुमको चाहूंगी
मैंने बहुत सोचा है तुझे, और न तुझको सोचूंगी
रोने को मसले और भी हैं, तेरे लिए न रोऊंगी
सह लूं मैं अब तेरी कमी, शायद ये किस्मत है मेरी
तुम अब न मुझको हासिल हो, तुम आस नहीं न मंजिल हो
तेरे ख्वाबों की दुनिया से भी, मैं खुद को ऐसे मिटाऊंगी
मैं अब न तुमको चाहूंगी, मैं अब न तुमको चाहूंगी
इस चाहत को दफनाऊंगी, मैं अब न तुमको चाहूंगी-
तेरे हाथ में खिलौने की तरह है
तू खेल चाहे ये दिल तोड़ दे
या तो मुझे अपना बना ले
या फिर मुकम्मल छोड़ दे-
पत्थर पूज कर भगवान को तो पाया जा सकता है
मगर एक इंसान को पूज कर उसको पा लोगे
ये गलतफहमी कभी ना पालना...-
हाल दिल का मेरे बाद वो किसको सुनाएगा..
मुझे यकीं है वो मुझसे बिछड़ कर बहुत पछताएगा..
कोई कसर नहीं छोड़ी उसने मेरे पत्थर हो जाने में
अब इस पत्थर से वो क्या ही प्यार पाएगा..-
ये सफ़र मुकम्मल हो जाए हमारा
तुमको पाना अभी बाकी है
अभी कहां चमका है सितारा हमारा-
तुझसे मोहब्बत जो हुई हमने लिखना छोड़ दिया था..
वो कलम जो बस गम लिखती थी उसे भी हमने तोड़ दिया था..
तेरे इश्क में हम अपना अतीत भुला बैठे थे..
तुझे पा लेने के वहम में सारी दुनिया से जुदा बैठे थे..
तेरे प्यार में पड़कर हम कुछ पल मुस्कुराने लगे थे..
मेरी बंजर हो गई आंखों में कुछ ख़्वाब फिर से आने लगे थे..
हम सजाने लगे थे वो आशियां
जो शायद कभी बसना ही नहीं था..
हमारा उजड़ा हुआ दिल वो वीराना था
जिसे इन बुझते चिरागों से सजना ही नहीं था..
तेरे ख्वाबों की दुनिया तुझे मुबारक
हम अपनी तन्हाई में जा रहे हैं..
तू अपनी जगह हमेशा सही था
हम तो अपने फैसले पर पछता रहे हैं..-
"मोहब्बत खत्म हो गई तो बस अब कुछ नहीं बचा..
हम अपनी नफरत का हकदार हर किसी को नहीं बनाते हैं..."-