Laxmi Gaur thapliyal  
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जन्मदिन २जून

"शब्दों के गठजोड़ को
भाव सहित अंजाम
अंतर्मन में दस्तक दूं
बस इतना अरमान✒"
Joined 26 January 2018


जन्मदिन २जून

"शब्दों के गठजोड़ को
भाव सहित अंजाम
अंतर्मन में दस्तक दूं
बस इतना अरमान✒"
Joined 26 January 2018
25 APR AT 11:07

तुम बिन जीवन , सूना, सारा
मनके मन के,तेरा नाम जपत हैं
मेरा ना, तेरे बिन, कोन्हो सहारा।

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23 APR AT 9:57

तुम पर ही बस दिल है ठहरा
नयनों में तस्वीर तुम्हारी
लगती मुझको सबसे प्यारी
है अपनापन अथाह हमारा
ज्यों समुद्र में ,पानी गहरा।

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28 JAN AT 12:19

उदगार हृदय भर आया ज्यों
मन व्याकुल, भावविभोर हुआ
कुंठित हिय , अंश्रू बह निकले
दोहरे निकले,ये जब शोर हुआ

चिंतित मन की इस,पीड़ा को
तुम क्या जानोगे ,दोहरे हो
जो मात्र विकल्पों की श्रेणी
रिश्तों में ना दिल से ,ठहरे हो

एक क्षण ,ऐसा भी आयेगा
सब धरा - धरा रह जायेगा
बाँधे रिश्ते जो, वहमों के बल
ना स्व के सिवा, कुछ पायेगा।

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23 JAN AT 15:21

हंसी ख़्वाब आँखों सजाया है उसने
दिल के सहर का आलम ना पूछो
ख़ुशियाँ लबों पर सजाया है उसने।

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16 JAN AT 9:39

कुछ वेदनाओं के स्वर नहीं होते
ना होती है, इसकी कोई ध्वनि
ना कोई दुख, ना कोई आंसू ही,
अंतस पटल पर नित प्रहार करती हैं
इससे उपजित आहें कई
कुछ दुखों में मूकपन होता है
और उन दुखों को ऐसे में
स्व में भींचने की क्षमता ही होती है बस कारगार।

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27 DEC 2024 AT 15:28

जो थी तुमसे अब, वैसी उल्फ़त नहीं है
वफ़ा भर की कसमें, निकली हैं झूठी
मान बैठे हैं हम,वफ़ा ए क़िस्मत नहीं है।

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26 DEC 2024 AT 10:50

दिखलाता नहीं है
वाक़िफ़ हर एक बात से है तेरी
जतलाता नहीं है
समझता है सब,आख़िर तुम क्या बला हो
रहता है अपने में फिर
चोट बार -बार खाता नहीं है।

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16 DEC 2024 AT 10:11

एक प्यारा अहसास हो गया
हँसने लगा था जब मिला था हमसे
जाने क्यों उदास हो गया?

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16 DEC 2024 AT 10:01

दिल के हालात, बताता किसको
वफ़ा ए सौगात, जताता किसको
मेरे अहसास ज़ेहन में ही सिमटे रहे
आँखों की बरसात,दिखाता किसको।

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3 DEC 2024 AT 20:20


बातों बातों में जब तेरी,बात निकल आती है
लब पे ख़ुशी की, सौग़ात बिखर आती है
आँख भर आती है, तुझे सोचते ही
भरती आँखों से,बरसात निकल आती है।


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