छोटी-छोटी बातों पर जो रो दिया करती थी
अब बड़ी-बड़ी बातों को भी वो मुस्कुरा कर टाल देती है-
छोटी छोटी बातों को notice करने कि मेरी आदत
हमेशा मेरी तकलीफ का कारण रही है
अपनों के बदलते व्यवहार को देख अक्सर
मैं उनसे लड़ लिया करती
और पूछ लिया करती
कि क्यों?
क्या वजह है इस बदलाव कि?
इस सवाल का जवाब मुझे हमेशा मौन में मिलता
और ये मौन मुझे अक्सर चिड़चिराहट, खीज़ से भर देता
और अंत में ये चिड़चिड़ाहट, ये खीज़
सिसकियों में तब्दील हो जाती
सवालों के रूप में ये मेरी उम्मीदें थी जो मैंने दूसरों से रखी
और मेरा विश्वास कि उम्मीदें रखने में बुराई क्या है?
बुराई, बुराई ये है कि जिन्हें आप अपना कह रहें,
जिनसे उम्मीदें लगा रहें हैं
उनकी अपनी प्राथमिकताओं कि एक सूची है
और उस सूची में आपको कौन सा स्थान प्राप्त हुआ है
ये आप नहीं जानते, और वो स्थान तय करता है
कि आपको कितनी एहमियत दी जाएगी
या हो सकता है कि आप वहां सूचिबद्ध ही ना हो....
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प्यार इंसान को कितना खुदगर्ज बना देता है
नहीं?
क्योंकि जब वो शख्स आपके साथ होता है
तब आप उसकी खुशियों कि कामना करते हो
जीवन में उसकी सफलता कि कामना करते हो
और जब दूर हो जाता है और उसे मुस्कुराता हुआ पाते हो
तो मन में सवाल आता है कि वो शख्स आखिर खुश रह कैसे सकता है?-
Aadat lgaani hii hai to
Khud ko khud ki lgao
Kyuki jab koi tumhare sath nahi hoga
Tab tum tumhare sath hoge-
एहसास गहरा था दिल में
जानती हूँ
आसानी से नहीं जाता है
अब जो है वो प्यार है, नफरत, पता नहीं क्या है
पर हाँ,
ये दिल तुम्हें मेरी जिंदगी में वापस नहीं चाहता है-
Your own breath is temporary and you expect someone to be your permanent🤷♀️
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Feeling emptiness deep inside is also good
Because u have space to pour something beautiful and meaningful in it-
U can't make somebody understand until the person wants to understand
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