ऐसा तो मैं नहीं कहूंगी,
परेशान कर दिया है तूने,
ये भी सही न होगा कहना,
ह्म्म,
क्या जी भर जी लिया है तूने, ये जरूर पूछूंगी,
या भूल गई है कि सोना, जागना,
फिर सोना फिर जागना फिर.....
इन सबसे अलहदा भी है तू कहीं,
मैं गुम हूँ या तू गुमशुदा
बस यही सवाल है तुझसे जिंदगी...
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मेरा दिल कहता है,
रो लू जी भर जो तू आराम दे,
हंस लूँ जी भर जो तू थाम ले,
खाली हो जाऊं पूरी जो तू समेट ले,
उतावली हो जाऊं बावळी जो तू केवट ले,
मेरा दिल कहता है,
जी लू जी भर जो तू साथ दे.....
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कुछ बातें अधूरी ही मुकम्मल होती हैं,
अल्फाज़ मिल जाएं गर उन्हें
तो ख़्वाब अधूरे-सी बिसर जाती हैं।-
तो कल लिए दिये की जोत कर लूं,
शायद एक शाम मैं खुश होकर जी लूँ,-
" and there are days, I feel urge to push you away from me,
and
still on those days, I miss you looking at me,
I miss you, seeking doorway into my eyes....."
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I'm mourning the me,
and you don't know that me,
I'm happy mourning
and revisiting the places where I was me,
Leave me alone today,
I'll meet you tomorrow with the me that you know.-
उसके भी मन में
जो खिलखिला कर हँस रहा है,
या जो अंधेरे में बैठा है एक दिया जला कर ,
महफ़िल में जाम लेकर बैठा है
या छत पर खड़ा है आसमान को निहारते,
पर दिखती किसी को नहीं,
सुनता कोई नहीं
सिवाय उसके जो खुद ये भाषा बोल रहा हो।-
रुक गयी हूँ मैं कँही,
तुम देखते हो चल रही हूँ,
लेकिन मैं तो पीछे ही खो गयी कँही,
जाने क्या बात है,
जो कह रही हूँ मैं,
वो मैं हूँ नहीं और जो मैं हूँ
वो तुम देखते नहीं।-