- इतना वक्त है नहीं...
अब लेटे लेटे निंद लग जाये
इतना वक्त है नहीं...
दो पलको से ज्यादा सो जाऊं
इतना वक्त है नहीं...
मैं आखों में निंद भर लेता हु,
जितना हो सके उतना दर्द,
मन में ही छिपा लेता हु...
खौइशे बोहोत है मेरी...
पर मन ही मन दबा लेता हूं...
कैसे कहूं क्या है इस दिल में ..
जिसे बता सकू अपना समझ के
ऐसी किसी में ही बात नही...
मैं घुमु, फिरू, आबाद होकर,
इतना वक्त हैं नहीं...
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