कभी तो सताती होगी, चहरे पर जब तेरे आती होगी ।
बे-अदब ये ज़ुल्फें तेरी,
याद मेरी दिलाती होगी ।
जब किसी से लडती होगी, और फिर झुक जाती होगी ।
ये बे-खौफ़ निगाहें तेरी,
याद मेरी दिलाती होगी ।
जब जब लगाती होगी, मेरे दिल का रंग मिलाती होगी ।
सुर्ख लाल तेरे लबों की लाली,
याद मेरी दिलाती होंगी ।
जब अंचल अटकाती होगी, मुस्किल तुम्हें फिर आती होगी ।
कलाई की घड़ी वो तेरी,
याद मेरी दिलाती होंगी ।
छम-छम आवाज़ जब आती होगी, नाम मेरा सुनाती होगी ।
चांदी की वो पायल तेरी,
याद मेरी दिलाती होंगी ।
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