Lav Tiwari   (लव तिवारी)
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Joined 21 August 2017


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14 FEB AT 17:17

आज के दिन किसकी मोहब्बत की आजमाइश है।
यह दुनिया बड़ी रंगीन है अजब गजब की फरमाइश है।

मोहब्बत क्या है किसको पता कैसे और क्यों होता है।
यह दुनिया भी बड़ी अजीब है देखो कितनी रुशवाई है।

उसके दीवाने कई हैं इस जमाने में वह किसको दिल दे।
इस आफत वो किसी का प्यार तो किसी का हरजाई है।

मैं भी था मोहब्बत में एक हसीन को सब कुछ देने वाला।
कुछ ही दिनों में एहसास हुआ कि वो अपना नही पराई है।

मोहब्बत दिल्लगी कम इस जमाने की साजिश बन गई है।
किसी की दुनिया लुटती है लोगों में हौसला अफ़जाई है।।

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14 FEB AT 7:21

दर्द जानकर नाम पूछना अच्छा नही लगता।
किसी की रुसवाई पर, अब कुछ कहना अच्छा नही लगता।।

आज के बत्तर हालात के लिये किसको दोषी समझा जाय।
बृद्ध पर हो रहे अत्याचार को, अब सहना अच्छा नही लगता।।

मेरा क्या है इस दुनिया में जिस पर मैं बहुत गुमान करू।
छोड़कर चला जाऊंगा धरा को, कुछ अपना नही लगता।।

मुझको मेरे खून से सहारे की उम्मीद कैसे रखूं।
इस दौर की मतलबी दुनिया में, अब कोई सच्चा नही लगता।।

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14 FEB AT 7:18

फुर्सत के लमहों में याद कर लेते हो हमें गर
चलो इतनी तो फिक्र बची है अभी मेरे वास्ते

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12 FEB AT 18:46

अपने दिल और दिमाग पर काबू पालो
ये मोहब्बत बड़े बर्बादी की रस्म होती है।

उसके लाखों दीवाने इस जमी पर।
ये बिरानिया हम जैसो को नसीब होती है।।

बात अक्सर नही समझ आती है नवजवानी में
नए परिन्दों की तो बस दुनिया अजीब होती है।

जफ़ा दर्द आँसू प्यार में शिकस्त पाने वाले की
कितना भी चाहे, उनकी दुनिया बदनसीब होती है।

कुछ आशिक होते है जिनको मिली उनकी मोहब्बत
बस कुछ है जिनकी दुनिया में खुशनसीब होती है।

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8 FEB AT 11:55

ये अधूरा गुलाब एक अधुरी जिंदगी की है।
जो तम्हे चाह कर न मुक्कमल हुई अधूरी इश्क की है।।

एक उम्मीद लिए अभी भी जी रहा हु तुम बिन।
हमारी चाहत हमारी जुस्तजु और न पूरी आरजू की है।।

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8 FEB AT 5:54

तेरी दुनिया मेरी दुनियां
सब लोग मुझे तेरा कहते है।

एक बात बताओ तुम मुझको,
इतना डर डर के हम क्यों रहते हैं।

मेरी खुशी अब तुम हो प्रियतम
इस बात को हम हरदम कहते है।

हर जनम में तुम्हारा साथ मिले
अब मरने से हम नही डरते है।

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7 FEB AT 21:17

खो गए इज़हार में हम
एक तेरे प्यार में हम

जिंदगी कितनी हँसी है।
आओ बैठे साथ मे हम

हँसते रोते कांट लेंगे।
ज़िन्दगी के हर घाव को हम

मुझको जन्नत की न ख्वाईश
हर जगह हर साथ मे हम।

एक एहसान मुझपर भी करदो
रहना भी तेरे साथ हरदम

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22 JUN 2024 AT 8:54

मेरी हसरत मेरी दुनिया मेरे जानेमन हो तुम।
और किसी को नही ढूढ़ती नजर, दिल की धङकन हो तुम।

गैर की अमानत भी बन कर भी दो तुम साथ मेरा।
मेरी आरजू मेरी जुस्तजू मेरी हर खुशी हो तुम।।

तेरे बगैर कैसे रहता धोखे से तुम्हें चाहने वाला।
मुझको जब से मिली हो बन गई हो मेरी जिंदगी तुम।।

चाह तो बहुत है तुम्हें अपना बनाकर हर खुशी देने की।हसरत कहा मुक्कमल होती दुनियां की नज़र में बेगाने हो तुम।।

मेरा कहना मानो छोड़ दो सारे बन्धन और रिवाज़ो को
बन जाओ मेरी जिंदगी, दिल की हर एक धङकन तुम।।

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21 JUN 2024 AT 16:58

जिधर देखता हूं उधर तू ही तू हैं।
मेरी हसरतें के पंख लिए नायाब आप परी है।

इस दुनिया की सारी खुशियाँ हो आपकी।
आपकी शोहरत बुलन्दी पर हो यही जुस्तुजू है।।

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15 DEC 2023 AT 20:21

चलो चलें अब अपने गाँव,
चलो चलें अब अपने गाँव

बचपन जहाँ बुलाता है,
वह दौर ही मन को भाता है।
आज मतलबी इस दुनिया से
जी अपना घबराता है।।
याद बहुत आता है मुझको
उस बूढ़े पीपल की छाँव।
चलो चलें अब अपने गाँव, चलो चलें ------ गाँव।।

यही कहानी सब कहते
क्या-क्या नहीं दर्द सहते।
सड़को औ चौराहो पर
कैसे गंवईं जन है रहते ।।
याद सताती मातृभूमि की
यहाँ कर लिये खूब पड़ाव।
चलो चलें अब अपने गाँव, चलो------ गाँव।।

जहाँ बाग में मीठे आम
वहाँ की प्यारी होती शाम।
मेरे बाबू जी किसान हैं
खेतों में करते हैं काम।।
दियारे में गउवें चरती हैं
जहाँ नदी में चलती नाव।
चलो चलें अब अपने गाँव, चलो---------–-गाँव।।

शहर की चकाचौंध खोटी है
अपने घर मे भी रोटी है।
शहरों की औकात ही कितनी
माँ की ममता से छोटी है ।।
मुझे मिलेगा स्वर्ग वहीं पर
जहाँ पड़े मेरी माँ के पाँव।
चलो चलें अब अपने गाँव, चलो ----------------गाँव।।

अपना गाँव सजायेंगे हम
सुंदर उसे बनायेगे हम।
मेरा हृदय गाँव में बसता
लोगों को बतलायेंगे हम।।
वही हमारी कर्मभूमि है
जहाँ हमारा गाँव-गिरांव।
चलो चलें अब अपने गाँव, चलो -----------------गाँव।।

रचना- लव तिवारी

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