LATIFKHAN KHAN   (꧁༒♛⫷𝕶𝖍𝖆𝖓𝕾𝖆𝖆𝖇⫸♛༒꧂)
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Joined 9 October 2020


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14 APR 2021 AT 7:17

તમારી કમજોરીને તમારી તાકાત બનાવી લેશો તો નામુમકીન પણ મુમકિન થઈ જશે.

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14 APR 2021 AT 7:05

દુનિયા

તમારાં દિલમાં છે તે તમારા થી દુર છે

અલ્લાહ તઆલાનો ખોફ

જે તમારાં થી દુર નથી એ તમારાં દિલમાં નથી.

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7 MAR 2021 AT 23:31

कहा जाता है कि आदमी ओकत जब कपड़े से होने लगे तो समझ जाना के उस की कोई ओकात नही जो है वो कागज है |

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7 MAR 2021 AT 23:22

मुझे याद नहीं मै कोन हूं ,
लेकिन मुझे इतना जरूर पता है इंसान हूं |
इसलिए मैं आप से अजीब तो नही हूं ,
लेकिन मुझ में इंसानियत से फर्क मत करना |
में उनसे जुड़ा भी नहीं हूं |

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7 MAR 2021 AT 23:08

मै तसवीर भी तेरी बना लेटा ,मै तेरे साथ सपना देख लेता ,मगर आंखों की हकिकत से में अंजान हूं , तुम्हे सामने देख लेता तो क्या होता ?
क्या आपको पता है मेरी सांस ?
मेरे साथ ही नहीं बल्कि कीसी और कि सांस है |

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8 JAN 2021 AT 7:33

लोग अपने गुनाह को छुपाने से ज्यादा लोगो को बताने में अपना सर्फ मेहसूस करते है | उनको ये भी नहीं पता के अल्लाहने तुमहारे गुनाह छुपा रखे हैं ताकि के तुम्हारे रिश्ते बरकरार रहे |

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13 OCT 2020 AT 21:43


कुछ फासलें लफ्जो में बया होते है |
कुछ लफ्जो से फासले होते है |
कुछ दुरीयो से फासले होते है|
कुछ फासले से दूरियां होती हैं |
यूं तो हर फासले मिलाप से आगाज़ होते हैं ||

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13 OCT 2020 AT 21:24

मेने आदमी के एक चेहरे पे कई रंग देखे ,
मेने हवा से ज्यादा लोगो के बदलते अंदाज देखे ,
मेने कितने को आदमी से इन्सान बनते देखे ,
मेने कितने आदमी को इन्सान से हेवान बनते देखे ,
मेने "खान" आदमी के एक चेहरे पे पेहरे हजार देखे.

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13 OCT 2020 AT 20:54

એટલા અથાગ પ્રયત્નોની તૈયારી રાખશો તો



તમને સલામ કરશે.

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13 OCT 2020 AT 20:48

बोलने से पेहले लफ्ज इन्सान के गुलाम होते है और बोलने के बाद इन्सान लफ्ज का गुलाम होता है |

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