मन सावन है
मन पतझड़ भी
मन सरगम है
मन क्रंदन भी
मन वसंत की मोहक शाम है तो
मन गृष्म की जलती दोपहरी भी
एकसाथ कई भाव समेटे
गिड़ता उठता मैं चलता हूँ...
( full in Caption.....)-
Coming from a height,I flowed down
Passing between the mountains, through the rocks, I kept growing...
Hurdle was much but I didn't care.
Pushing the little rocks, piercing the heavy muds,
I continued my journey even when the roads were blocked.
Watering the tiny fields, playing with the innocent kids,I kept flowing...
Giving many tributaries, Satisfying your thirst
I was contributing to the greenery of the earth.
Little aware of your deeds, Capable of destroying the tiny weeds,
With the garbage you dumped,I kept moving...
But,a day came when I was overloaded.
My loved ones started dying because of the poison it dessipated.
I am just like a helpless mother of a child
And it was all your deed that today we all are crying...
I WAS SUFFERING BUT YOU DIDN'T CARE, NOW TO WHOM SHOULD I COMPLAIN?
I AM IN GREAT DESPAIR.
Whom should I blame for impuring my purity
You were not my own, shame on you for being the most intelligent species...
#riveringrief
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प्यार की छाव बड़ी हसीन है
ताउम्र गुजरे प्यार की गिरफ्त मे जिनकी
तो जिंदगी उनकी जन्नत की ज़मीं है...
प्यार के मायने जरा बदल से गए हैं
लोग यूं ही कह देते हैं, है इश्क़ मुझे
लोग यूं ही कह देते हैं, है इश्क़ मुझे
पर सब शब्दों मे उलझ कर बहल से गए हैं ...
प्यार यूं ही नही होता ...
हा ... प्यार यूं ही नही होता
( caption...👇)-
अब फिकर नहीं कुछ और की
बस तुझमें ही आ सिमटी हूं
तू आसमान मेरा है
मै तारा बन के फिरती हूं...
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जरा सा ख़याल अभी बाकी है...
पंछी तो लौट चले,
चूम कर आसमाँ के कुछ हिस्सों को...
परंतु...निःसंदेह,
कल फ़िर से उड़ने की चाह अभी बाकी है...
-लता मंजरी
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एक खयाल कुछ ऐसा... जो हो,
मैं से हम की ओर
अपने चोले संग् बांधे
कई चोलों की डोर...
"मैं" तो रहता है हैराँ परेशान
पर "हम" से भी नाता जोड़
एक "मैं" "हम" को समेटे
"हम" मे "मैं" का शोर ...
एक खयाल कुछ ऐसा जो हो मै से हम की ओर ...
"मैं" राग अलापता हर दिन्
खुद ही तो मैं परेशान
खुद से ही मुझको मतलब
भला क्यों करूं मैं किसी और के प्रश्नों को आसान ..
ऐसी सोच से निकल कर
ओढ़े इक नई सोच
क्यूँ ना दो पल जुड़ के सबसे
लाए उम्मीद की नई भोर
एक खयाल कुछ ऐसा जो हो मैं से हम की ओर..
कई रिश्तों की बुझती बाती
नए रिश्ते नए साथी...
कभी रहती थी हर बात की खबर
अब खबर भी नही की है अंधियारा या आई कोई सहर
हा माना कि "मैं" परेशान
पर कुछ तो "मैं" से ज्यादा है वीरान
कुछ उनके मन को टटोल कर
दे दिशा नई किरण की ओर
एक खयाल कुछ ऐसा जो हो मैं से हम की ओर...-
मिट्टी...
तेरी खुशबु...एहसास है अपनेपन का
मिट्टी...तेरी रंगत...ऐलान है विभिन्न जीवन का
तेरे सीने पर बोझ...अपरिमेय
तु जननी, तु अन्नदात्री
विभिन्न रंगो से सजि तु,
तेरी छटा अपरिभासित
मिट्टी... तु पुजनीय...तु आश्रयदात्रि
तु ना हो तो कोई रह पाएगा कैसे?
वजूद हमारा तुझसे
तेरा कर्ज कोई चुकाएगा कैसे?
हम कपूत, जब तुझे रक्तरंजित कर जाते हैं
तु उन रक्तों का भी बोझ लिए जाने कैसे रह पाती है
मिट्टी...कैसे तु...
कैसे तु अपने आँसुओ को पी जाती है...
मिट्टी...तु निर्मल सी और निराकार
भोली बिलकुल, ना कोई अहंकार
कैसे गीली होकर, चढ् कर हमारे साँचों पर,
हमारे मनस्वरूप ढल जाती है...
मिट्टी...तु कभी गुड्डा-गुड़िया तो कभी भोजन की थाल बन जाती है
कभी चढ़कर तिनको के सांचो पर ईश्वरीय स्वरूप को दिखाती है...
मिट्टी...तु तो गुणकारी...तु औसधि भी बन जाती है
मिट्टी तु पंचतत्व को पूरा करती
तु ही तो है माॅ धरती
तुझसे दूर कहाँ जाना है
एक दिन थक हार कर इस शरीर को
तुझमें ही तो खो जाना है...
मिट्टी....-
Life becomes paradise
Problem seems like soap bubbles
As love have power to win every battle...-
If i ever forget you....
I will remember the essence of all good;
Good done to me by you all.
I may not remember your words,your norms.
But, will definitely get connected by the vibes of your soul...
If I ever forget you;
You won't let me...i hope.
Your memories will get deleted;
your face will be a stranger.
But the love,the feelings,the emotions we share
Will always remain somewhere in the core.
If I ever forget you...✍-