जब पूरी तरह तुमको कोई जान लेगा
क्या ही वो अपनापन और सम्मान देगा।
ठोकरे चाहिए होते है संभल जाने के लिए
तू पत्थर की सोचे, कोई तुझे चट्टान देगा।
चेहरे पे चेहरे , लोगों ने पोत रखे इतने
एक–दो जान भी ले, फिर भी तू अंजान रहेगा।
तेरे कुर्बत के बचे–खुचे लोग भी हो जायेंगे गुम कहीं
घरौंदे बिखर जाते है पल में, क्या ही तेरा मकां बचेगा।
~आदित्य आनंद
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Agneepankh,i.e...wings_of_fire
Life is enigma.
Love is ataraxia.
✔✅Dedicated D... read more
तू मुझमें खुद को ढूंढती है
मैं तुझमें खुद को ढूंढता हूं ,
यूंही चलता रहा जुस्तुजू का फसाना
तो मैं प्रेम कैसे कर सकता हूं?
तू मुझको खोने से डरती है
मैं तुझको खोने से डरता हूं ,
यूं पाने से पहले गवाने को अपनाना
तो मैं प्रेम कैसे कर सकता हूं?
~ आदित्य-
स्याही
और
कुछ बूंदे
खत पर
खता जताकर
न जाने
किस पता पर,
खुद-ब-खुद
या
उकसाने पर ,
जाता वहीं
जहाँ होना चाहता वर्षों से।-
Mistakes a lot
Still keen to bring
Special one ;
Destination ,they hinge.
Fortify those dream
loudly sing
Yeah! Special one ;
Aid ill to sling.
Made me salt
yet come another ,
Pour some milk
To heart ,
Keep the day bother.
O special one !
Make little beautiful
Sweet-Sour ming
Uh, within me ,
Me homeless king.
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💥(कामयाबी)💥
न निकलती 'आह' मुख से,
न थकती आँख ,आशाओं से।
बाजी लगती साँसों की ,
कहीं अश्क थम-से जाते हवाओं में।
कदमों की जोर पे
बेबसी के कटते डोर से ,
"धम्म" से गिरा मानव
उठ खड़ा होता है अंतर-मन की शोर पे ।
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** Teacher for me____
A teacher is someone
who is like a duster ,
sweeps away the doubts and
clears confusions of disciple......-
अब खैरियत नहीं,
खफा होने में।
मिट गई जरूरत
जश्न मनाने में।
सलामत हूँ,
यही बहुत है।
सजे शोहर की,
तनिक न चाहत है।
खुश हूँ बेखबर होकर,
शायद ये खुशी नहीं
खुदगर्ज होने में।
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ओस चाट , जी भिंगोता
घाम से गमछा तर हो जाता
तनिक ढील कर अंगोछा
कमर कसने तक,
साँस भर , सीने तक
मीलों तक चलता जाता।
(अनुशीर्षक पढें)-