Last Bite  
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Joined 5 August 2020


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YESTERDAY AT 13:32

My words is not supreme to you. It always come when you present around me.

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YESTERDAY AT 12:17

कशमकश कैसी है,
ये आग हम भी देखेंगे,
तेरे हुस्न का,
बहाओ हम भी देखेंगे,
नाचती उँगलियों पे,
तेरे हाल हम भी देखेंगे,
बिस्तर के चादर से,
सरोकार हम भी देखेंगे,
जब होगी फरमाईस,
नये तौर तरीके की,
कितनी करवट बदलोगी,
बदन की बेहाल हम भी देखेंगे,
रुकेगी कहाँ कस्ती हमारी,
समंदर की गहराई हम भी देखेंगे,
जब ख़त्म होगी तड़प तुम्हारी,
वो हाल भी देखेंगे ।।

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25 APR AT 23:19

I imagine our feet
brushing against
each other
under the sheets
in the night.
I imagine sighing
Your name
against your shoulder.
I imagine slipping
my fingers
under your shirt
to remind me of
how lucky
I got to be the one
touching your skin.

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25 APR AT 19:44

I love holding you close
for it is here that
I can feel the warmth
of your skin against mine
and our hearts beat closely
in unision celebrating
this special bond
this love that we found

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23 APR AT 23:46

आइये बेकरारी का राज बताते हैं,
हुस्न इतेफाक नहीं है ये बात बताते हैं,
यूँ तो हर रोज होती नहीं मुलाक़ात हमारी,
आइये इस रात में सारी एहत्तरात बताते हैं,
रंग, रूप, तन सब के क़ायल है हम,
होटों की प्यास से पैरों की ताल तक,
मदहोश बदन से आख़री ऐहसास तक,
एक-एक पल के क़ीमती ठहराव तक,
आइये हर एक बात बताते है,
अपनी बेकरारी का हम राज बताते हैं ।।

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20 MAR AT 16:17

I twisted strands of her hair
around her fingers.
She felt whispered kisses slowly
dancing around her ear.
Her pulse in a race with my touch.
I rubbed, She swayed.
The faster my movements,
the deeper she felt me.
She begged until I fed my soul
with the thickness that grew to ache for her body.

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20 MAR AT 0:59

रात के सन्नाटे और तेरी आँखों का मौन,
यूँ बदलती जज्बातों का एक अनोखा सा पल,
एक एक घडी जैसे बीत रहा हो बरसों के इंतेजार में,
टूटे बिखरे जज्बातों का अपना पन जैसे पास आ रहा हो,
ये दूरी कब तक सही जाए,
उमीद और सब्र बहुर लंबी है,
अब इस पल को क्यों न ख़ास बनाया जाए,
तुम और मैं और ये चाँदनी रात
सब एक दूजे के आस में है,
सबकी अपनी अपनी ख्वाईश है,
चलो आज की रात हर ख्वाईश का अंत कर दें,
प्यासे होठों को एक नयी सौगात दे दें,
एक दूजे की बाहों में लंबी रात जगेगी,
हाथोँ का छुवन से तेरे बदन आज हर ख्वाईश आजमाइयेगी,
रोम रोम महकेगा मेरे प्यार की खुश्बू से,
कमर मेरे आघोस में और जुल्फों के छाँव होगी,
तेरी तड़पती बदन की चाह मेरे उंगलियों के ऊपर होगी,
धीरे धीरे नाप देंगे जितनी तुम्हारी चाहत होगी,
सारी रात निलकेगी उमीदों का हर एक एक बूंद,
मोहब्बत की इस रात होगा शादियों तक यादगार ।।

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19 MAR AT 10:13

One day,
when I wake up at 3am,
unable to sleep,
I will look next to me
and you will be there.
Sleeping peacefully
beside me and suddenly,
the world won't seem so lonely.

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17 MAR AT 22:26

मैंने लिखा ज़माने ने पढ़ लिया,
पर मेहसूस कहाँ किसी ने किया ?
मेरे अजीज, मेरे रेहबर,
मेरे दर्द , मेरे प्यार का ,
ऐतबार कहाँ किसी ने किया ?
मैं लबों का आशिक़,
जुल्फों का दीदार हूँ,
मैं शाम का ढलता सूरज,
मैं रात का ठंडक चाँद हूँ,
दूर कहीं आशमा में,
रंगीन चमका सितारों का पैगाम हूँ,
समझने वाले ग़लत बोलते हैं मुझे,
की मैं हुस्न का करता तिरस्कार हूँ,
अब क्या समझाना हर किसी को,
तुम सही, मैं ग़लत,
बस इसी बात से ख़ुद पे मेहरबान हूँ ।।

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17 MAR AT 22:23

Hhhh

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