जो अकेलापन दूर करे या न करे ।
लेकिन
साथ होंने का एहसास जरूर कराती है ।।-
writer by Passion
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एक सुकून कि तलास में न जाने कितनी बेचैनियां प... read more
ज़िन्दगी देख तेरे मंजर से पीछे छूट चुका हूँ ।
तेरी इस खुराफाती से थोड़ा रूठ चुका हूँ ।।
सोंचता हूँ तेरे कंधों से अपना बोझ कम कर दूं ,
अब इस दूरी के सदमे से बहुत टूट चुका हूँ ।।-
वो भी कितनी अज़ीब है ,
कुछ अलग ही रिश्ते निभाती है ।
मुझे
किरायेदार बनाकर रखती है।
और मालिक बताती है-
मैं
सड़को पर भी रह सकता था ,
अगर तुम आशियाना न देते ।
जब किरायेदार ही रखना था ,
तो फिर मालिकाना न देते ।।
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भी,
उस चाँद जैसा ही है ।
खूबसूरती की चमक ,
सारे दाग छुपा लेती है।-
वो रात के अंधेरे में ,
एक चिराग जला कर चले गए ।
दिल के इन सूखे पत्तों पर,
फिर आग लगा कर चले गए ।-
हमारे अपने उसूलों का,
कुछ ऐसा ही फ़साना है।
हम याद नही करते उनको,
जिन्हें दिल से भुलाना है।-
अगर हो,
बीते हुए उस पल को।
तो हम भी भूल गए है,
उस गुज़रे हुए कल को ।
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मैंने ये जहाँ देखा है ,
इस जहाँ में मैंने तुझको..
बेइंतेहाँ देखा है ।
तुम भूल गए हो मुझको
मुझे कोई ग़म नहीं है,
मैंने तुझको ही इस जहाँ में
हर लम्हा देखा है-
करनी है तुमसे गुफ़्तगू ।
या मिला दो मुझे उस शक्श से,
जो मिलता हो तुमसे हूबहू ।।
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