दरख़्त जिस पर कोई मांद( घोंसला )नहीं ,उसकी टहनियों पर बैठे परिंदों को देखमुझे अक्सर नानी का घर याद आता है! -
दरख़्त जिस पर कोई मांद( घोंसला )नहीं ,उसकी टहनियों पर बैठे परिंदों को देखमुझे अक्सर नानी का घर याद आता है!
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ज्ञान कि उल्टियां सूर्य को उदय होने पर प्रमाण की जरूरत नहीं होती, -
ज्ञान कि उल्टियां सूर्य को उदय होने पर प्रमाण की जरूरत नहीं होती,
ज्ञान कि उल्टियांमाता -पिता कि सेवा कोई ठाकुर जी की सेवा नहीं है, कि सुबह शाम घंटी बजाई और हो गए! -
ज्ञान कि उल्टियांमाता -पिता कि सेवा कोई ठाकुर जी की सेवा नहीं है, कि सुबह शाम घंटी बजाई और हो गए!
ज्ञान कि उल्टियां #7देख! बदलता रवैया सादगी, हमने दूरी बना ली,उन्हें छोड़ दिया,जो छोड़ने के लायक थे!फ़िर इत्मीनान की चाय पी,और अपनी दुनिया अपने तक बना ली! Avoid toxic people -
ज्ञान कि उल्टियां #7देख! बदलता रवैया सादगी, हमने दूरी बना ली,उन्हें छोड़ दिया,जो छोड़ने के लायक थे!फ़िर इत्मीनान की चाय पी,और अपनी दुनिया अपने तक बना ली! Avoid toxic people
ज्ञान की उल्टियां #6स्वार्थी व्यक्ति अपने स्वार्थ के पूर्ण होने तक ही विनम्र रहता है!( दगाबाज़ दुणो नमे ) -
ज्ञान की उल्टियां #6स्वार्थी व्यक्ति अपने स्वार्थ के पूर्ण होने तक ही विनम्र रहता है!( दगाबाज़ दुणो नमे )
चाहा इतनी ही रहे कि, जिंदा रह सके,,मर कर जन्नत मिले,तो उस जन्नत का क्या करें ! -
चाहा इतनी ही रहे कि, जिंदा रह सके,,मर कर जन्नत मिले,तो उस जन्नत का क्या करें !
ज्ञान की उल्टियां #5ओह!तृष्णा तुम विकृत हो और विकलांग हो,ओह!तृष्णा तुम अधीर हो और जीवन का स्वांग हो! -
ज्ञान की उल्टियां #5ओह!तृष्णा तुम विकृत हो और विकलांग हो,ओह!तृष्णा तुम अधीर हो और जीवन का स्वांग हो!
सिर्फ़ नाम से ही तेरा शहर बुलंद है ;आदमी जहां रहता है वह घर बंद है! -
सिर्फ़ नाम से ही तेरा शहर बुलंद है ;आदमी जहां रहता है वह घर बंद है!
कभी कभी वों शख्स मुझे बच्चा लगता हैं,हमसफ़र कम उम्र हो तो अच्छा लगता है! -
कभी कभी वों शख्स मुझे बच्चा लगता हैं,हमसफ़र कम उम्र हो तो अच्छा लगता है!
ज्ञान की उल्टियां #4जिस तरह से रिश्तो में राजनीति हो रही हैँ, हर घर से एक प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पक्की है! -
ज्ञान की उल्टियां #4जिस तरह से रिश्तो में राजनीति हो रही हैँ, हर घर से एक प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पक्की है!