सफर में और भी बहुत सारी सवारी थी,
पर तुम ही थी जिससे मेरी यारी थी।-
खूबियों का खजाना था,
पर खामियों के सुराख़ ने,
सब राख कर दिया।-
खुद को भूलकर तुझे याद कर लेता हूँ,
कुछ इस तरह का इश्क़ हैं मेरा,
उसे याद करके पूरी रात जाग लेता हूँ।-
यूँ तो बातें नहीं है मेरे पास में,
पर बात बना लेता हूं,
तुम्हें खोने के डर से,
तुम्हें खोने के डर से मैं अपने जज्बात छुपा लेता हूँ।
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उसने ज़मी से उठा के आसमान दिखा दिया,
और हमने उसे कहा,
तूने मेरे लिए किया ही क्या?-
बचा लो मियां खुद को बचा सको तो,
क्योंकि तुम्हें लूटने की पूरी तैयारी है,
और लूटने वाला कोई और नहीं,
वही है जिससे तुम्हारी यारी है।-
अंग्रेजी का हव्वा है,
हिंदी हुई पुरानी,
भूल चुके हैं हम अपनी ही निशानी।-
इश्क़ की गहराई हमने भी मापी हैं,
बस अब आगे ना पूछो इतना ही काफी है।-
हाँ इश्क़ था तुमसे,
पर अब नफरत है,
ना तू वापस आना,
ना ही तुझे पाने की कोई हसरत है।-
सारे पर काट दो,
और घर पे बिठा लो उसे
बेटी पैदा की है ना,
तो इन दरिंदों से बचा लो उसे ।-