Lalit Kharat   (©Lalit_Kharat)
272 Followers · 47 Following

read more
Joined 14 June 2021


read more
Joined 14 June 2021
21 HOURS AGO

तेरी इन अदाओं से
बता भी दे कैसे बचूँ,

चेहरा तू लाख छिपाले,

तेरी आँखो, तेरी लटों से
बता भी दे कैसे बचूँ।

-


21 HOURS AGO

तेरी बिखरी हुई लटों को,
मोगरे के गजरे मे समेटना चाहता हूँ,
तेरे चेहरे को जो फूल सा बनाती है,
वो मुस्कान मै बरकरार रखना चाहता हूँ।

-


22 HOURS AGO

सांझ हो चुकी,
बारिश भी हो रही है,
तेरी राह तकते,
मेरी धड़कने मचल रही है।

आँखे थक चुकी,
खिड़की से झांकते झांकते,
नज्दिक ला रहे है हमे,
घडी के काटे भागते भागते।

-


2 JUL AT 11:53

जिसका जाना तय है,
उसके चले जाने के बाद भी
//
उसे अपने अंदर ज़िंदा रखना...
शायद,
सच्चा प्रेम है...

-


1 JUL AT 18:13

एक घडा तेरे प्यार का मै दिलों जाँ से भर रहा हूँ,
मेरी मोहब्बत मुक्कमल हो, खुदा को सजदा कर रहा हूं।

-


1 JUL AT 17:10

थक चुके इरादे मेरे
टूट गयी है हिम्मत मेरी
रोज़ दुआ मे बल मांगू
के कर पाऊ मै मरम्मद मेरी।

-


29 JUN AT 17:00

मैंने कलम क्या उठाई गम बोल पड़ा,
जैसे कोई बीन बजी और सांप डोल पड़ा।

काग़ज़ भी हैरा न हुआ के गम बोल पड़ा,
बोला ये तो रोज़ का है, कब खत्म होगा ये दुखडा।


कलम ने भी न छोड़ा मौका के गम बोल पड़ा,
अटकने लगी बार बार बोली कचरा अटक पड़ा।

देख के सारा आलम हताश होके गम बोल पड़ा,
सुख को नींद से उठा लो, किसे रोज़ आने का शौक है जड़ा।

मैने कलम क्या उठाई गम बोल पड़ा।

-


28 JUN AT 20:58

मेरी नज़र पड़ी उनपे,
उनका माह-रुख़ आफताब हो गया,
आँखो मे चुभने लगी चमक,
उनकी ज़ुल्फो का मै मोहताज हो गया।

उनकी तारीफ़ खातिर लफ़्ज नही,
मै उनके खूबसूरती का कायल हो गया,
उनके हुस्न की चर्चे सुने थे बस,
उनको देख और दिल घायल हो गया।

-


27 JUN AT 19:38

इन दिनों दौर बड़ा
खराब सा हो गया है,
बदन का यहा
तमाशा हो गया है
जुर्म का सिलसिला
कुछ यूँ बढ़ गया है,
हवस के स्याही से
अखबार भर गया है।

-


27 JUN AT 19:15

मुझे दूर से आता देख वो शर्माके छिप जाया करती थी,
मेरे ज़िक्र भर से उसके लबों पे हसी आ जाया करती थी,
समय बदला वो दौर बदला, न वो शर्म रही, हसी चली गई,
अब तो बस वो सुना सा मोहल्ला बचा है, जहा वो रहा करती थी।

-


Fetching Lalit Kharat Quotes