Allahabad ki khushboo or mitti me racha basa hai wo... Pardes me bhi use aalhbad yadd aata hai.. Jisane dekha bhi nhi us allahabad ko wo unhe bhi apne shbdo se allhabad le aata hai..
जानते हैं इन दिनों कुछ उलझे हैं उनकी कई जिम्मेदारियां और सपने हैं हैरान हैं शायद कुछ परेशान हैं पर जानते हैं उन्हें खुद से ज्यादा अब भी हमारा खयाल है..
उनके आने से सूकूंन मिला इस जिंदगी में.. मेरे कृष्ण ने मुझे बेहतरीन से नवाजा है.. भटकते हुए से थे ना जाने कितने सवालों में, और उनमें हमने हर एक जवाब को पाया है...
बीता कल है वो हमारा पर हमारे आज में दस्तक दिया करते है.. सोचते हैं हमें पता नहीं पर वो आज भी चुपके से हम पर नज़र रखा करते हैं.. सब खत्म कर दिया हमने अब बस उनके जिंदगी में खुश रहने कि दुआ किया करते हैं...
दूर है फिर भी साथ है.. खुद से पहले अब भी एक दूसरे का ख्याल है.. नासमझ सी बातों में कितने छोटे छोटे ख्वाब है.. चुप रहते हैं कभी वो तो कभी हम फिर भी शोर मचाते ना जाने कितने जज़्बात है...