Lakshmi Singh   (✍️Er.सिंह💙)
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Joined 7 February 2019


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Joined 7 February 2019
25 APR 2023 AT 10:00

घर के एक कोने में,
सजी रखी तुम्हारे यादें
किसी कोने में
भीगती हर रोज़ पलकें

घर के एक कोने में
एक ख्वाब थे बसे
तुमने तोड़ उसे
बरसाती हैं आखें

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16 MAY 2021 AT 19:35

एक नाम नहीं, एहसास हो ,
'तुम'
मेरी कहानी नहीं,अलफाज़ हो,
'तुम'
जिंदगी ही नहीं, जीने का अंदाज हो,
'तुम'
सपना ही नहीं मेरा विश्वास हो,
'तुम'
मुझसे दूर सही, मगर सबसे पास हो💙
'तुम' ....

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20 NOV 2020 AT 2:18

तुम्हें ख़ुश देख मै भी खुश हो लेती,
जैसे पथिक को मंज़िल मिल गई हो,

तुम होते जब पीड़ा में,
मन विचलित सा रहता,

कहते खुद ही दूर जाने को,
रह न पाते एक पल भी तुम,

करीब हूं तुमसे इतने,
कोई अब फासला न कर पाएगा❣️

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20 NOV 2020 AT 2:05

रात चांदनी में खोई, तुम में मैं,
रात ढलती गई, प्रेम बढ़ता गया❣️

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20 NOV 2020 AT 2:01

तेरे करीब हूं मै, तुझमें समाई हुई,
बाहों में लिपटी, ढलती जैसी शाम,
मदहोशी में खोए, आगोश में आते हम,
कुछ तन्हा तुम कुछ हम,
इश्क़ के रंग में बहते हम 😍 💙

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19 SEP 2020 AT 10:58

,
तुम ही वो मुश्कान हो,
तुम्हीं से मेरी हर हसरतें पूर्ण हो,
तुम्हीं में ढलती हर शाम मेरी।
हर इश्क़ हर इबादत तुममें मेरी,
हर रुसवाई तुमसे मेरी,
तुम्हें किया कबूल हमनें,
तुमसे ही शुरू हर दिन मेरी

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19 SEP 2020 AT 10:54

योग रखे मन निरोग,
मुश्कान भरे ख़ुशी की पिटारी,
प्यार दे जीने का तरीका,
तशरीफ़ कुबूल हो सुखी जीवन का

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19 SEP 2020 AT 10:49

◆ "बाहों में उसके वो सुकून मिलती,
जैसे हर ख़ुशी मिल गई हो,
उसकी बातों में ऐसे गुम हो जाती,
जैसे हर गम खो-सा गया हो" ◆

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14 SEP 2020 AT 13:24

आज़ के जुग में भी,
Hii hello की जगह नमस्ते करते हैं,
हम "हिन्दी भाषा" का ही अभिनंदन करते हैं.

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13 SEP 2020 AT 2:40

मधुर संगीत जैसे ज़िन्दगी हैं अपनी,
हर रोज़ नए ताल और मेल हैं अपने,

तार तार गढ़ रहे संगीत में,
मधुर प्रेम रस घोल रहे जीवन में,

पिरोय के प्रेम रस बांटते चलो,
प्यार के दो बूंद बरसातें चलो,

हर पल को हसीन और ख़ूबसूरत,
हर रग़ में मिठास की मिलाते चलो,

मधुर संगीत जैसी ज़िन्दगी हैं अपनी...

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