Lakshita   (Laksh"preet")
303 Followers · 23 Following

read more
Joined 9 September 2021


read more
Joined 9 September 2021
12 JUN 2023 AT 13:25

ज़रूरी नहीं कि हर किसी चीज के पीछे कोई वज़ह हो
क्यूंकि खूबसूरती तो तब है न जब कुछ बेवजह हो जाए मगर फ़िर भी जीवन को वज़ह दे जाए

-


31 MAY 2023 AT 18:48

दौड़ में ही शामिल होना है तो अच्छे इंसान बनने की दौड़ में शामिल हो !!!
Competition भी कम है और reservation भी नहीं है

-


24 MAY 2023 AT 23:17

उन्हें दिखने न दो ,
क्यूंकि जमाने में मरहम लगाने वाले कम
नमक छिड़कने वाले ज्यादा है

-


21 MAY 2023 AT 13:28

मेरी कश्ती के प्राण दाता

कश्तीयां तो खूब बनाई होगी तुमने
आसमान तले खूब बहाई होगी तुमने
पानी का रंग है कैसा
इसकी भी आस लगाई होगी तुमने

देखा होगा कि कंकर कहाँ कहाँ ठोकर दे जाएंगे
ठोकर देखकर फिर से तैरना सिखाएँगे
सीखते सीखते कश्ती डूब तो न जाएगी
डूबी कश्ती की नैया कैसे पार लगाएंगे

अगर समझो तो तुम उस कश्ती के निर्माता हो
उसकी श्वास के प्राण दाता हो
तुमने उसका उचित - अनुचित पहचाना है
तुम्हारा कर्त्तव्य उसे मंजिल तक पहुंचाना है

तो तुम्हारे प्राण दाता ने भी तो कुछ सोचा होगा
कि राहें मुड़ी तो कहाँ पहुंच पाएगी
ठोकर लगी तो क्या पाठ पढ़आएगी
उसकी कलम की शक्ति पर विश्वास कर के तो देख
जिंदगी अपने आप पर लग जाएगी

-


19 MAY 2023 AT 10:55

Life is expectedly unexpected.

-


17 MAY 2023 AT 23:08

क्या गलत , क्या है सही
इसका फैसला तो मुमकिन नहीं
क्यूंकि मेरा सही तुम्हारा गलत होता है
और तुम्हारा सही मेरे लिए सही नहीं

-


17 MAY 2023 AT 10:27

"जिंदगी कुछ इस तरह से जिया करो कि जिंदगी को भी भनक पड़ जाए कि कोई जिंदगी जी रहा है"

-


2 MAY 2023 AT 21:28

कभी कभी हजारों अल्फाज़ भी कम लगते है
और कभी आंखें ही बहुत कुछ कह जाती है

-


19 APR 2023 AT 18:13

कैसे जहान की मुक्कमल दौड़ में तू आयी है
प्रेम को त्याग , "प्रीत" को संग लायी है
किस्मत ने तुझे नहीं , तूने किस्मत की किस्मत आजमायी है
मगर आजमाइश उचित है
क्यूंकि किस्मत लिखने वाली तेरी किस्मत नहीं ,
तेरे हाथो की स्याही है

-


9 APR 2023 AT 19:10

पता है दे जाते

क्यूँ अचानक सावन पतझड़ हो गया
और यादों के पत्ते , प्रेम के पेड़ से छूट गए
क्या गुनाह था मेरा
जो तुम हमेशा के लिए मुझसे रूठ गए

रूठना- मनाना तो चलता है मगर
तुम क्यूँ मेरे सपने तोड़ गए
इतनी जल्दी क्या थी
अभी ही तुम मेरा हाथ छोड़ गए

काश आखिरी वक़्त साथ होते हम
तो शायद तुमसे कह ही देती
कि अगर रास्ता मोड़ना ही था
तो एक बार बेवजह रुककर मुझे सता जाते
राह जो तुम्हारी नयी मंजिल की ओर है
उस नयी मंजिल का
नया पता ही दे जाते

-


Fetching Lakshita Quotes