Lafj Gorakhpuri   (Lafj Gorakhpuri)
59 Followers · 5 Following

अगर- मगर और काश मे हूं,
मै खुद ही अपनी तलाश मे हूं..!!™

Follow me for follow back.
Joined 23 June 2017


अगर- मगर और काश मे हूं,
मै खुद ही अपनी तलाश मे हूं..!!™

Follow me for follow back.
Joined 23 June 2017
14 JAN 2022 AT 23:31

एक टुकड़ा मोहब्बत..

जो ढक पाती ये पूरा तन वो चादर मिलना मुश्किल था..
सो ख़ुद पर डाल कर जमीर की मिट्टी, जमीं के अंदर सो गए हम।

-


26 NOV 2021 AT 21:53

जो भी बहुत बड़े हैं,
उनमें से आधे बीच दलदल में खड़े हैं।

-


17 SEP 2021 AT 14:38

मुश्किलों की हद जहां तक
वहां तक उत्साह मेरा
हो समर्पण हार का
है वहां तक वार मेरा।।

-


8 JUL 2020 AT 23:32

ख़्वाब से हकीक़त तक साथ चले वाला हो,
कोई एक तो ऐसे हो जो तुम्हे समझने वाले हो..

इस मतलबी दुनिया में साथ निभाने वाले हो,
कोई एक तो ऐसा हों जो हाथ थामने वाला हो..

-


8 JUN 2020 AT 17:36

In the greenries
of forest wood.
I forgot my heart soul.

-


4 JUN 2020 AT 10:59

कुछ लोग मिठाई के तरह होते है,
जो मीठे तो होते है पर नुकसान करते है..
और कुछ करेले के तरह होते है,
जो कड़वे होते है पर लाभदायक होते है..

-


6 MAY 2020 AT 21:26

यू तो,
उसके तरकश में मोहब्बत के लिए शब्द हजार थे,
पर तरकश से उसके वफ़ा के लिए दगा निकला..💔

-


6 MAY 2020 AT 11:10

Waqt se bhi puchogi toh Waqt bhi tumhe bewafaa kahega,
Kyuki Waqt ne bhi tumhe har Waqt bhut karib se dekha hain...❤️

-


4 MAY 2020 AT 17:19

ना धर्म से आका जा सकता है,
ना ही परिभाषा जा सकता है..
कुछ व्यक्ति एैसे होते है,
जिन्हें बस स्नेह से सराहा जा सकता है..

-


27 APR 2020 AT 10:22

गाँव की मिट्टी

गाँव की मिट्टी याद दिलाती, क्या खोया क्या पाया हमने,
तल से नभ तक तब से अब तक, कितना पार लगाया हमने।

जीवन की कड़वी घुट या विलासित जीवन की वो बेलाए,
हार गये या जीत चुके है, जीवन की ये कठिन परीक्षाएं।

गाँव की मिट्टी याद दिलाती, क्या खोया क्या पाया हमने,
तल से नभ तक, तब से अब तक कितना पार लगाया हमने।

स्मरण होती बचपन की वो सुन्दर प्रफुल्लित बाल क्रियाएं,
या मात, पिता व पूर्वजों की वो अनमोल स्मृति रचनाएं।

गाँव की मिट्टी याद दिलाती, क्या खोया क्या पाया हमने,
तल से नभ तक, तब से अब तक कितना पार लगाया हमने।

-


Fetching Lafj Gorakhpuri Quotes