We always forget what happens,
When humans choose Religion and Cast,
Over Humanity...-
क्यू तुम दुसरों की चीज से ही आकर्षित होते हो,
और फिर कहते हो वो तुम्हारी हो ना सकी,
जिसकी वो है वो क्यूं ही अपनी चीज़ तुम्हारे लिये छोड़े...-
जिंदा लाशों की कबर हो तुम,
हर चीज़ में अटको ऐसी बेवकूफ़ जान हो तुम...-
The thought of leaving you
drew tears from my heart...
Now what can I do with
this unintentional unplanned sentiment.-
वो आज़ाद परिंदा उड़ा दिया है हमने,
जिसे शिकायत थी हमारी डाली से।
जिसपे बैठके वो उड़ नहीं पारा था,
उन तितलियों संग...-
मुखौटो की भिड़ से घिरी हूँ...
ऐ- जिंदगी कौनसी ज़िद ठानी तूने जो इस मोड़ पे लाके छोड़ा हमें।
जैसे भी थे भले-बुरे वहां अपनाए गए थे,
यहां तो अपने भी पराए बन बैठें है...
I stand amidst an ocean of masks,
Oh life, what stubbornness drove you to this throne?
I was embraced with all the flaws there,
Now here even loved ones feel distant.-
I have expected loyalty from an unfaithful life,
I have fallen in love with a fake heart.
The loss may be of the heart or of time,
But it will definitely happen.
बेवफा जिंदगी से वफादारी की उम्मीद कर बैठे हम,
दिल फेक से दिल लगा बैठे हैं हम।।
नुकसान भले दिल का हो या वक्त का,
पर होगा तो जरूर।।-
Think why life revolves around these,
Mammon
Brilliance
Magnanimity
Trust
Amenability
Companionship
सोचो क्यों जीवन इनके इर्द-गिर्द घूमता है,
धन-दौलत
प्रतिभा
उदारता
विश्वास
सौम्यता
भाईचारा-
फिर एक बार बैठी हूं,
मत पूछो कैसे और क्यू,
बस हार कर खुद से आज फिर से बैठी हूं।
गलती ये हैं कि हमे गलत फैमी हैं,
जो हर बार किसी ना किसी बहाने से दूर करते हैं वो,
हां, वही गलत फैमी हैं...
जो आपको हमे सबको होती हैं,
हम भले तो सब भले।।-