"चेतना एक नेत्रहीन इच्छा है जो शुभकर्म करना तो चाहती है परंतु यह नही जानती हैं कि शुभकर्म क्या है।"
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✒️..कविया की कलम..✍️..
(गोपीनाथ धवन)
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पहचान क्या होती है?? दुनिया को हम बतायेंगें
बिना नाम आये थे
पर बिना नाम किये नही ... read more
बिना नाम आये थे
पर बिना नाम किये नही ... read more
Joined 26 November 2017
7 JUN 2024 AT 10:27
24 MAY 2024 AT 18:04
न्याय का हर वो सिद्धान्त अधूरा है जो परिवार में असमानताओं को लेकर चुप है।
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5 SEP 2021 AT 13:09
मेरा मार्गदर्शक 'राजनीतिशास्त्र' है, जिसने कौटिल्य, सुकरात, प्लेटो, अरस्तू, मैकियोवेली, रूसो, जॉन स्टुअर्ट मिल, कार्ल मार्क्स जैसे महान शिक्षको से रूबरू करवाया और यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस विषय का विद्यार्थी हूँ।
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29 MAR 2020 AT 17:16
वही रामायण, वही दूरदर्शन,
बीस साल में इतने फ़ासले हो गए,
ना जाने वो भीड़ कहाँ चली गई,
इस रफ़्तार भरी जिंदगी में,
मैंने खुद को आज अकेला पाया।-
6 FEB 2020 AT 8:27
नींद नही आई उस रात जब,
उस नन्ही सी कली को आखर
पढ़ना आ गया...-